बेमौसम बारिश के कारण अब दालों की कीमतें 150 रुपये के करीब
बेमौसम बारिश ने जहां पहले टमाटर-प्याज की कीमतों में आग लगने से सब्जी और दाल में तड़का लगाना लोगों ने बंद किया था, वहीं अब आम लोगों को थाली में दाल ही नहीं दिखेगी। बारिश और बाढ़ से फसल चौपट होने से थोक और फुटकर बाजार में दालों की कीमतों में बेहताशा वृद्धि हो गई है। अरहर, मूंग, बाजरा, उड़द, सोयाबीन, चना और मोठ की कीमतें 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
थोक के साथ खुदरा में भी बढ़ीं कीमतें
देश के कई प्रमुख शहरों में दाल और अनाज की थोक और खुदरा कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। चना दाल की कीमत आठ फीसदी बढ़कर 4600 रुपये प्रति कुंतल हो गई है। वहीं मूंग दाल की कीमत 20 फीसदी बढ़कर 7050 रुपये प्रति कुंतल हो गई है। उड़द दाल की कीमतों में 35 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है और इस महीने यह 8400 रुपये प्रति कुंतल पर पहुंच गई है।
100 रुपये किलो के पार हुई अरहर दाल की कीमत
तुअर या फिर अरहर दाल की कीमत 100 रुपये प्रति किलो के पार चली गई है। सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में अधिक बारिश से उत्पादन कम हुआ है इसलिए तुअर दाल के दाम बढ़ गए है। व्यापारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में इसकी कीमतें चार से पांच रुपए प्रति किलो तक और उछल सकती हैं।
200 रुपये प्रति किलो बिक चुकी है तुअर दाल
साल 2015 में तुअर दाल 200 रुपये प्रति किलो बिक चुकी है। सरकार द्वारा आयात करने और किसानों द्वारा पैदावार बढ़ाने से वर्ष 2016 से तुअर दाल कीमतें कम होना शुरू हुई थीं। वर्ष 2018 में कीमतें पूरी तरह निम्न स्तर पर आ गई थीं। अब इस साल कीमतें फिर बढ़ना शुरू हो गई हैं।
दाल कीमत (रुपये प्रति किलो)
अरहर 100
मूंग 100-125
उड़द 120-150
बाजरा 36
मोठ दाल 75
मसूर 64
सोयाबीन 65(अलग-अलग शहरों से लिए औसत उच्चतम भाव)
केंद्र सरकार ने तुअर दाल आयात करने की समस सीमा 31 अक्टूबर तक की थी जिसे फिर बढ़ाकर 15 नवंबर तक कर दिया। सरकार ने पहले सभी व्यापारियों को आदेश दिया था कि वे विदेशों से अक्टूबर तक ही दाल देश में लाएं। सरकार अब खुद दाल नहीं खरीदती है। दाल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए आयात की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। हालांकि ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन का कहना है कि समय सीमा 31 दिसंबर तक होनी चाहिए थी। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल कहते हैं, ” दाल की कीमतें पिछले एक महीने में 10 फीसदी तक बढ़ी हैं। दिल्ली में तुअर दाल की कीमत 100 रुपये के ऊपर हो गई है। उधर पंजाब, कोलकाता अरै मुंबई में भी खुदरा कीमत 100 से 102 रुपये तक पहुंच गई है। ऐसे में हो सकता है कि आयात सीमा बढ़ाये जाने से कीमतों में कमी आये।”
कम पैदावार से बढ़ गईं कीमतें
कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट की मानें तो फसल सीजन 2018-19 (जुलाई से जून) में दालों की कुल पैदावार 234 लाख टन (2340 कुंतल) हुई थी, जबकि खपत 240 लाख टन से ज्यादा रही। मौजूदा खरीफ सीजन की बात करें तो सरकार ने अनुमान जताया है कि वर्ष 2019-20 में दाल की पैदावार 82.2 लाख टन (822 कुंतल) होगी ये वर्ष 2018 में हुई 92.2 लाख टन (922 कुंतल) की अपेक्षा कम है।
दिल्ली में 140 रुपये पहुंचा उड़द दाल का भाव
दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार के दाल व्यापारी नरेंद्र गुप्ता बताते हैं, ” एक हफ्ते पहले जिस उड़द दाल की कीमत 115 रुपये थी वो अब 140 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। काली उड़द 95 से 125 रुपये और तुअर दाल 100 रुपये है।”
यह थोक बाजार की कीमत है। दाल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं, इस बारे में वे बताते हैं, ” सरकार ने बाहर से आने वाली दालों पर रोक लगा रखी है। दालों का आयात न के बराबर हो रहा है जबकि खपत बढ़ती जा रही है। इस बार कुछ पैदावार भी घटी है। ऐसे में दाल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।