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बैंक से पचास हजार रुपये से ज्यादा निकालने पर लग सकता है टैक्स

नकदी के इस्तेमाल को कम करने के लिए 50,000 रुपये और उससे अधिक राशि बैंक से निकालने पर बैंकिंग कैश ट्रांजैक्शन टैक्स (बीसीटीटी) लगाया जाना चाहिए।

सरकार को अगर मुख्यमंत्रियों की समिति की सिफारिश रास आती है तो बैंक से 50 हजार रुपये से निकालने पर टैक्स लग सकता है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली मुख्यमंत्रियों की समिति ने डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने संबंधी अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। समिति ने सभी तरह के डिजिटल पेमेंट्स पर एमडीआर चार्जेज (ट्रांजैक्शन शुल्क) खत्म करने की सिफारिश भी की है। साथ ही आयकर कर के दायरे में न आने वाले छोटे व्यापारियों को स्मार्ट फोन खरीदने को 1,000 रुपये तक सब्सिडी देने की सिफारिश भी की है। इसके अलावा सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जो भी व्यापारी डिजिटल लेन-देन स्वीकार कर रहे हैं उन पर पूर्वप्रभाव से टैक्स न लगाया जाए। यह भी पढ़ें- नोटबंदी: पुराने नोटों के बदले दोगुने दाम पर गहने बेचने वाले ज्वैलर्स पर छापेमारी चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली समिति ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। सरकार ने 8 नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए नायडू की अध्यक्षता में यह समिति गठित की थी। समिति ने इससे पहले रिजर्व बैंक बैंक को अपनी कुछ अंतरिम सिफारिशें भी हाल में सौंपी थीं। रिपोर्ट सौंपने के बाद नायडू ने उम्मीद जतायी कि सरकार आगामी आम बजट में समिति की सिफारिशों को जगह देगी। नायडू ने कहा कि समिति ने माइक्रो एटीएम और बायोमीट्रिक सेंसर्स को कर प्रोत्साहन देने के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के उपाय करने की सिफारिश भी की है। वहीं डिजिटल पेमेंट्स करने वाले एक निश्चित वार्षिक आय वाले ग्राहकों को टैक्स रिफंड की सुविधा देने की सिफारिश भी समिति ने की है। यह भी पढ़ें- जन-धन खाताधारकों के लिए खुशखबरी, मिलेगा तीन वर्ष के लिए दो लाख का बीमा नायडू ने कहा कि नकदी के इस्तेमाल को कम करने के लिए 50,000 रुपये और उससे अधिक राशि बैंक से निकालने पर बैंकिंग कैश ट्रांजैक्शन टैक्स (बीसीटीटी) लगाया जाना चाहिए। वहीं कैश के बड़े-देन के संबंध मंे सरकार को एक निश्चित सीमा तय करनी चाहिए जिससे ऊपर कोई नकदी में भुगतान न कर सके। समिति का कहना है कि वित्त मंत्रालय को इस संबंध में कदम उठाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने भी बैंक ट्रांजैक्शन टैक्स लगाया था। लेकिन आम लोगों की नाराजगी के चलते तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के इस फैसले को सरकार को फौरन वापस लेना पड़ा था। यह भी पढ़ें- जानें, क्यों भारतीय शहर धीरे धीरे बस्तियों में हो रहे हैं तब्दील समिति ने आधार को प्राथमिक आइडी बनाने के लिए आधार कानून की धारा 57 का इस्तेमाल करने की सिफारिश भी की है। समिति ने देशभर में 1,54,000 डाकघरों को आधार संबद्ध माइक्रो एटीएम मुहैया कराकर ढांचागत सुविधाएं भी तैयार करनी चाहिए। समिति ने ग्रामीण और शहरी सहकारी बैंकों को डिजिटल पेंमेंट्स के लिए तैयार करने को तत्काल कदम उठाने की सिफारिश भी की है। समिति ने सभी सरकारी एजेंसियों को डिजिटल भुगतान पर एमडीआर चार्जेज न लगाने की सिफारिश भी की है। फिलहाल बैंक मर्चेट से एक से दो प्रतिशत की दर से एमडीआर चार्ज वसूलते हैं जिसके चलते डिजिटल पेमेंट्स महंगा पड़ता है। बहुत से मर्चेट इसी वजह से पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें लगाने से भी परहेज करते हैं। समिति ने कैश लैस ट्रांजैक्शन के चलते होने वाली बचत से एक फंड बनाने की सिफारिश भी की है। इस फंड का इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में पेंमेंट सुविधा के विस्तार के लिए किया जा सकता है। 

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