नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा बुलाई बैठक में सरकारी बैंकों के अधिकारी शामिल हुए. इस बैठक में कई बैंकरों ने आरोप लगाया कि किसान, सरकार द्वारा कर्ज माफी की आस में जानबूझकर बैंक द्वारा लिया गया ऋण नहीं चुकाते हैं. बैंकरों ने इस मामले में वित्तमंत्री और मंत्रालय के अधिकारियों को अपनी चिंता से अवगत कराया.
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बैठक के बाद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैंकरों ने कहा कि किसानों में कर्ज न चुकाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. इस कारण बैंकों पर वित्तीय दबाव बढ़ता जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में किसानों पर करीब 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज हैं.बैंकरों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में किसानों द्वारा लिया गया ऋण 50 प्रतिशत बढ़ा है. वहीं एक उच्च बैंक अधिकारी ने कहा कि किसान अपने बैंक खाते से रुपए निकाल रहे हैं, ताकि उनके कर्ज का रुपया बैंक अपने आप न काट लें.
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उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य सरकारों ने किसानों के कर्ज माफ किए हैं. आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू ने सत्ता में आने के बाद 40 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था.जबकि मध्य प्रदेश में किसानो के उग्र प्रदर्शन में 6 लोग पुलिस की गोलीबारी में मारे गए . स्मरण रहे कि कुछ दिन पूर्व एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने भी आगाह किया था कि किसानों की मदद जरूरी है, लेकिन बैंक लोन चुकाने के अनुशासन की कीमत पर नहीं.वहीं सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों द्वारा कर्जमाफी की बढ़ रही मांग पर कहा कि इसके लिए राज्यों को अपने संसाधनों से कोष का इंतजाम करना होगा.