बैंकों ने 4000 अरब रुपए के ऋण के साथ किया नए साल में प्रवेश, RBI ने तय की समयसीमा
मुंबई : बैंकों के लिए नए साल की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं है क्योंकि करीब 60 अरब डॉलर (करीब 4000 अरब रुपए) के वसूल न किए जा सकने वाले ऋण (एनपीए) के कारण उनके बही-खाते नुकसान से भरे हैं और 2016 में इसे कम करने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे जिसके लिए आरबीआई ने समयसीमा तय की है।
आखिरकार ग्राहक और उन्हें प्रदान की जाने वाली सेवा महत्वपूर्ण होगी और बैंकर इस बारे में लगभग एकमत हैं कि आने वाले दिनों में बैंकिंग क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण होगी।
आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के आधार पर निरंतर नवोन्मेष होता रहेगा जिससे उपभोक्ताओं की सुविधा बढ़ेगी।
इधर भुगतान बैंक के लाइसेंस के साथ बाजार में प्रवेश कर रही इकाइयां इसी प्रौद्योगकी के जरिए ही 1,500 अरब डॉलर के बैंकिंग उद्योग का फायदा उठाने और पारंपरिक बैंकिंग मॉडल को चुनौती देने पर विचार कर रही है।