इस बार विशेषता यह है कि मेष संक्रांति और बैशाखी एक साथ 14 अप्रैल को पड़ रहे हैं। 14 अप्रैल को जब बैशाखी और संक्रांति का मुख्य स्नान प्रारंभ होगा तब धूमाक्ष योग बनेगा। चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जो वर्ष की अंतिम राशि है। इसके विपरीत सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मेष राशि सौर वर्ष की पहली राशि है। इस संक्रमण का पुण्यकाल सवेरे 8.10 बजे तब प्रारंभ होगा, जब सूर्य अश्विन नक्षत्र में आ जाएंगे।
बैसाखी में गंगा स्थान को बेहद शुभ माना गया है। इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं। कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही आपके जीवन में खुशियों के रास्ते भी खुल जाते हैं।
इस दिन आप कुछ भी दान सकते हैं। वैसे चावल और अनाज दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। हरिद्वार में भी गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ भी पहुंच रही है। अंदाजा लगाया जा रहा है लाखों की चार दिनी स्नान पर्वों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब धर्मनगरी पहुंचने लग गया है।