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बोले वित्तमंत्री जेटली, आाईएमएफ कोटा और सुधार में देरी है चिंताजनक
दस्तक टाइम्स/एजेंसी: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की महत्वपूर्ण भूमिका का हवाला देते हुए कहा कि इस वैश्विक संगठन के कोटा और संचालन स्तर पर सुधार को यदि लागू नहीं किया गया तो इससे संगठन अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं कर पाएगा।
जेटली ने पेरू की राजधानी लीमा में आईएमएफ की अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्त समिति की बैठक में कहा कि वर्तमान आर्थिक हालात में आईएमएफ का महत्व बहुत बढ़ गया है लेेकिन इसमें सुधार और कोटा से जुड़े 14वें सामान्य समीक्षा को लागू करने में हो रही अप्रत्याशित देरी ङ्क्षचता का विषय है।
वित्त मंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार वित्तीय सु²ढ़ीकरण के प्रति कटिबद्ध है। वर्ष 2014-15 में भारत का चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.3 प्रतिशत पर आ गया जो दो वर्ष पहले 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया था।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से दो वर्ष पहले भारत में महंगाई दहाई अंकों में पहुंच गई थी लेकिन अब यह गिरकर 3.7 प्रतिशत पर आ चुकी है। भारत तेल और कमोडिटी की कीमतों में नरमी का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर और सिंचाई में निवेश बढ़ाकर कर रहा है। सब्सिडी को बड़े पैमाने पर तर्कसंगत बनाया गया है और दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन अभियान शुरू किया गया है जिसके तहत 18.5 करोड़ खाता खोले गए हैं। लाभार्थियों के खाते में लाभ का सीधा हस्तांतरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधार जारी रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी। विकास को गति देने के लिए निवेश-नीति को उदार बनाने, कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने की नई नीति और प्रक्रियाएं अपनाने, प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन की पारदर्शी नीति आदि का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि सबसे बड़े कराधान सुधार की प्रक्रिया जारी है जिसे संसद की मंजूरी की जरूरत है। चौबीस सदस्यीय इस समिति की बैठक में वित्त मंत्रियों के साथ केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों ने भाग लिया।