भारतीय सेना में राइफलमैन रहे औरंगजेब का आतंकियों द्वारा अपहरण और हत्या के मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक औरंगजेब ने कई मानक संचालन प्रक्रियाओं (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स) का उल्लंघन किया था। इसी वजह से वो आतंकियों के जाल में फंस गए थे, जिसके बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। 14 जून को उनका शव गोलियों से छलनी तथा चेहरा क्षत विक्षत हालत में मिला था। सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के जवान औरंगजेब पुंछ के सबलारी सलानी मेंढर का रहने वाले थे।
रिपोर्ट के मुताबिक औरंगजेब और उनके साथी ने एक प्राइवेट कार हायर की थी और ड्राइवर से उन्हें शोपियां उतारने का आग्रह किया था। लेकिन आतंकियों द्वारा पहले से ही कार को इंटरसेप्ट किया जा रहा था, जिसके बाद आतंकियों ने उन्हें खींचकर कार से बाहर निकाला और गोलियों से छलनी कर दिया। दरअसल, औरंगजेब ईद के मौके पर अपने घर पूंछ जाने वाले थे, लेकिन घाटी छोड़ने से पहले वो एक स्थानीय महिला से मिलने वाले थे। रिपोर्ट की मानें तो वो महिला के साथ पिछले कई दिनों से संपर्क में थे।
सेना के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आतंकियों को उस महिला और औरंगजेब के संबंधों के बारे में पता चल गया था। जिसके बाद उन्होंने महिला को औरंगजेब के बारे में जानकारियां देने के लिए मजबूर किया। इसके बाद महिला ने आतंकियों को बता दिया कि घाटी छोड़ने से पहले वो उससे मिलने आने वाले हैं।
बस फिर क्या था, आतंकी औरंगजेब के आने का इंतजार करने लगे। जैसे ही उनकी कार गंतव्य पर पहुंची, आतंकियों ने बंदूक के दम पर उन्हें कार से बाहर निकाल लिया। इसके बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी।
सेना ने सभी जवानों को जारी की एडवाइजरी
इस घटना के बाद सेना ने अब अपनी सभी यूनिट्स को एक एडवाइजरी जारी की है और किसी भी स्थानीय महिला से दोस्ती न करने की सलाह दी है। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि हमारे जवानों के लिए एक शत्रुतापूर्ण आबादी के बीच में काम करना आसान नहीं है, लेकिन महिलाओं के साथ संपर्क पूरी तरह से अनिचित है।
औरंगजेब ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स के एक और नियम को तोड़ा था। दरअसल, सेना के जवानों को किसी भी तरह के प्राइवेट कार में सफर करने की इजाजत नहीं है। उन्हें हमेशा बुलेट-प्रूफ कार में कहीं भी आना-जाना होता है। लेकिन चूंकि औरंगजेब को महिला से मिलने जाना था, इसलिए उन्होंने इस नियम का उल्लंघन किया, जिससे वो आतंकियों के जाल में फंस गए। अब सेना ने अपने जवानों को इस नियम को सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।