बड़ी खबर: आज मुलायम कर सकते हैं नई पार्टी का ऐलान, शिवपाल होंगे सारथी
मुलायम सिंह यादव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है, जिसके बाद समाजवादी पार्टी को लेकर उठ रहे कई सवालों का अंत हो जाएगा. बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई पार्टी का ऐलान भी कर सकते हैं. मुलायम सिंह ने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस लखनऊ के लोहिया ट्रस्ट में बुलाई है और इसमें प्रदेश भर से मुलायम सिंह के समर्थक जमा होंगे. पहले ही ऐलान कर दिया गया था कि 25 सितंबर को मुलायम सिंह की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी और कॉन्फ्रेंस में कई सवाल के जवाब मिल जाएंगे.
हालांकि मुलायम सिंह की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या अलग पार्टी बनेगी? कोई अलग मंच होगा? या कोई मोर्चा होगा? इन सभी सवालों का जवाब आज मुलायम सिंह यादव देंगे. बताया जा रहा है कि नई पार्टी की घोषणा होगी और इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से नाराज लोगों को शामिल किया जाएगा.
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सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके समर्थकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था. बैठक में अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, आजम खान, धर्मेंद्र यादव और बलराम यादव इस बैठक में नहीं शामिल हुए थे. जिसके बाद मुलायम सिंह यादव ने अपने भाई रामगोपाल यादव को लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह शिवपाल यादव को सचिव बना दिया था.
इसी साल अगस्त में मुलायम ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक ली थी, अखिलेश और राम गोपाल उस बैठक में शामिल नहीं हुए थे. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पिछले दिनों लोहिया ट्रस्ट कार्यालय में हुई बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए अखिलेश के करीबी चार सदस्यों को ट्रस्ट से बेदखल कर दिया था. नतेाजी द्वारा हटाए गए सदस्यों में राम गोविंद चौधरी, ऊषा वर्मा, अशोक शाक्य और अहमद हसन थे. ये सभी सदस्य अखिलेश यादव के करीबी हैं. सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने इन चार सदस्यों की जगह शिवपाल के चार करीबियों को सदस्य बनाया. इनमें दीपक मिश्रा,राम नरेश यादव,राम सेवक यादव और राजेश यादव सदस्य बनाये गए.
वहीं अखिलेश यादव का फिर से समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय है और 5 अक्टूबर को आगरा के राष्ट्रीय अधिवेशन उन्हें दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. इसबार अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की मुहर राष्ट्रीय अधिवेशन में लगेगी.
हाल ही में मुलायम सिंह को लेकर अखिलेश ने कहा था कि मुलायम उनके पिता हैं लेकिन रही बात राजनीति की तो फिलहाल दोनों की लाइन अलग है. बहरहाल मुलायम सिंह हमेशा उम्मीदों के विपरीत फैसला लेने वाले माने जाते रहे हैं, ऐसे में अध्यक्ष पद दोबारा नहीं मिलने पर मुलायम क्या फैसला लेते हैं इसपर सबकी नजर रहेगी.