बड़ी खुशनसीबी: मंसूर ने किया 33 बार हज व 10 बार उमरा, फिर भी जताई हज पर जाने की ख्वाहिश
पहली बार 1962 में की थी हज
वर्ष 1937 में जन्मे मोहम्मद मंसूर ने वर्ष 1962 में पानी के जहाज से पहली बार हज यात्रा की थी। सात बार पानी के जहाज से वे हज यात्रा पर जा चुके हैं। इसके बाद वर्ष 1984 में शुरू हुई हवाई जहाज से हज करने गए। लगातार 25 बार हज किया। इसके बाद वे एक-दो वर्ष के अंतराल में हज पर गए। इस दौरान 10 बार उमरा करने भी गए। अंतिम बार वर्ष 2010 में हज पर गए थे। कुल मिलाकर अपनी 81 वर्ष की जिंदगी में 43 बार सऊदी अरब गए। अभी भी हज यात्रा पर फिर जाने की उनकी दिली ख्वाहिश है।
दुआ लेने वालों की लगी रहती है भीड़
मोहम्मद मंसूर से मिलने के लिए भीड़ लगी रहती है। घर ही नहीं, मस्जिद के बाहर उनसे दुआ लेने वालों की भीड़ लगी रहती है। दुआएं हासिल करने के लिए जब उनसे घर पर आने के लिए अनुरोध किया जाता है, तो वह खुशी-खुशी राजी हो जाते हैं।
सात बार दूसरे के नाम पर हज
हाजी मंसूर दूसरे के नाम पर सात बार हज कर चुके हैं। इसे ‘हज-ए-बदल’ कहा जाता है। इसमें कोई शख्स किसी और के नाम से हज करता है। इसके तहत उन व्यक्तियों के नाम पर भी हज यात्रा की जा सकती है जो इस दुनिया को छोड़ चुके हैं। दूसरे के नाम पर हज वही कर सकता है, जो पहले अपने खर्चे से हज कर चुका हो।
वैसे तो इसका कोई पुख्ता हिसाब मौजूद नहीं है पर अपनी जानकारी के मुताबिक दावे के साथ कह सकता हूं कि देश में सबसे ज्यादा बार हज यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति हाजी मंसूर ही हैं।
तौफीक अहमद खान, सचिव, लब्बैक हज सोसाइटी