उत्तर प्रदेश में सत्ता की चाबी अब भाजपा के हाथ लग गई है। चुनाव में जनता ने जमकर वोट किया और अप्रत्याशित बहुमत देकर भाजपा समेत पूरे देश को चौंका दिया है। पर भाजपा की असली परीक्षा अब शुरू होने वाली है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के सभी नेताओं ने जमकर यूपी की अखिलेश सरकार पर निशाना साधा और जनता को विकास, सुशासन और किसानों को कर्ज माफी जैसे सपने दिखाए। इनमें से कितने सच हो पाते हैं यह आने वाले वक्त में पता लग जाएगा। लेकिन यूपी में कुछ मुद्दों से पार पाना प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार के लिए भी चुनौती साबित होगा।
कानून व्यवस्था
यूपी में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने इसे बड़ा उछाला। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी भी रैलियों के मंच से थानों को सपा का दफ्तर की बात कहते नहीं थके थे। ऐसे में भाजपा के लिए भी यह मुद्दा बड़ी चुनौती है। किसानों से किए वादे
यूपी में कानून व्यवस्था के बाद बड़ा मुद्दा होगा किसानों का कर्ज माफ और उनकी उन्नति के लिए काम करना। करीब-करीब हर चुनावी रैली में पीएम मोदी ने इस मुद्दे को यूपी के किसानों के समक्ष रखा और सरकार बनते ही पहली किश्त में कर्ज माफी का वादा किया। अब जबकि भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है तो किसानों की कर्ज माफी नई सरकार के लिए बहुत बड़ा मुद्दा होने वाला है।
यूपी में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने इसे बड़ा उछाला। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी भी रैलियों के मंच से थानों को सपा का दफ्तर की बात कहते नहीं थके थे। ऐसे में भाजपा के लिए भी यह मुद्दा बड़ी चुनौती है। किसानों से किए वादे
यूपी में कानून व्यवस्था के बाद बड़ा मुद्दा होगा किसानों का कर्ज माफ और उनकी उन्नति के लिए काम करना। करीब-करीब हर चुनावी रैली में पीएम मोदी ने इस मुद्दे को यूपी के किसानों के समक्ष रखा और सरकार बनते ही पहली किश्त में कर्ज माफी का वादा किया। अब जबकि भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है तो किसानों की कर्ज माफी नई सरकार के लिए बहुत बड़ा मुद्दा होने वाला है।