नवरात्रि के दूसरे दिन मां के दूसरे रूप ब्रह्राचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्राचारिणी हमेशा कठोर तपस्या में लीन रहती है। मां के हाथों में माला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है।
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना विद्यार्थियों को जरूर करना चाहिए। इस दिन पीले या सफेद वस्त्र पहनकर पूजा करना बहुत शुभ होता है।
मां दुर्गा का दूसरा स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी का होता है, इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। छात्रों और अध्ययनशील व्यक्तियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी है।
जिस किसी का चन्द्रमा कमजोर होता है उनके लिए मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करना अनुकूल होता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां को सफेद चीजें जैसे- मिश्री, शक्कर या पंचामृत अर्पित करना शुभ होता है। देवी की उपासना में इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥