
लखनऊ : भगवद गीता का उर्दू अनुवाद करने वाले कवि अनवर जलालपुरी को दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार को केजीएमयू (किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) में निधन हो गया। वहीं उनके निधन की खबर मिलने से साहित्य की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई। बता दें कि हुसैनगंज निवासी उर्दू शायर अनवर जलालपुरी गुरुवार शाम अपने करीबी परिजन के शोक कार्यक्रम से लौटे थे। छोटे बेटे डॉ. जानिसार जलालपुरी के अनुसार शाम करीब 6 बजे बाथरूम गए, लेकिन आधे-पौने घंटे तक बाहर नहीं निकले तो उन्हें आवाज लगाई। आवाज नहीं आने पर दरवाजा तोड़कर बाहर देखा तो वह फर्श पर पड़े हुए थे और उनके सिर से खून बह रहा था।
आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके दिमाग में अंदरूनी चोटों के चलते सीटी स्कैन आदि के लिए दूसरे निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने ब्रेन में खून के थक्के, और ब्लीडिंग होने के बाद केजीएमयू रेफर कर दिया। केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के न्यूरो सर्जरी विभाग में उन्हें दाखिल कराया गया था। डाक्टरों ने बताया कि अनवर जलालपुरी की हालात पहले दिन से ही नाजुक बनी हुई थी। न्यूरोसर्जरी के डॉक्टर उनका इलाज पर नजर बनाए हुए थे। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के ऑफिस से गुरूवार से ही फोन पर अनवर जलालपुरी के तबियत की पल-पल की खबर ली जा रही थी।
कौन हैं अनवर जलालपुरी
लखनऊ के हुसैनगंज निवासी मशहूर उर्दू शायर अनवर जलालपुरी ने गीता का उर्दू शायरी में अनुवाद किया है। उन्हें प्रदेश सरकार यश भारती सम्मान से भी सम्मानित कर चुकी है। कई राजनीतिक हस्तियों से उनके काफी नजदीकी रही हैं।