नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दीक्षांत समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी को भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी ने देश के इतिहास की अहम घटना बताया। आडवाणी ने कहा कि ये उनकी शिष्टता और नेक नीयत को दर्शाता है। बता दें कि गुरुवार को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में प्रणब ने भाषण दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता को जाति और धर्म में बांधना गलत है। साथ ही ये भी कहा कि नफरत राष्ट्रीयता की पहचान को धुंधला कर देगी। आडवाणी ने कहा, मुखर्जी और मोहन भागवत ने अलग विचारधाराओं से जुड़े होने और मतभेद के बावजूद चर्चा को जगह दी, ये कोशिश वास्तव में प्रशंसनीय उदाहरण है। दोनों ने ही भारत की एकता के महत्वपूर्ण बिंदू पर जोर दिया, जिसका हर वर्ग और धर्म में सम्मान किया जाता है, स्वीकार किया जाता है। खुले वातावरण और परस्पर सम्मान के माहौल में इस तरह की चर्चा निश्चित तौर पर सहनशीलता, सौहार्द और सहयोग का वातावरण बनाने में मदद करेगा और हमारे सपनों का भारत बन सकेगा। संघ का न्योता स्वीकार करके प्रणब ने अपनी शिष्टता और नेक नीयत दिखाई है।