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भाजपा को लाभ सिर्फ कांग्रेस के इलाकों में : करात

karatनई दिल्ली। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात का मानना है कि इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस के पारंपरिक इलाकों में बढ़त बनाएगी। करात दिल्ली केंद्रित मीडिया के उस राय को भी नहीं मानते कि भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के बावजूद माकपा का विस्तार आम आदमी पार्टी (आप) की तरह तेजी से नहीं हुआ है। देश में जारी लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के सवाल पर करात ने कहा  ‘‘भाजपा मुख्यत: उन्हीं राज्यों में बढ़त बनाएगी  जहां वह कांग्रेस विरोधी ताकत है।’’माकपा महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य पार्टियों द्वारा भी कांग्रेस विरोधी माहौल तैयार किया जा रहा है। इसमें क्षेत्रीय पार्टियां  वाम मोर्चा और गैर कांग्रेसी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां शामिल हैं। तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने की मुश्किलों के सवाल पर करात कहते हैं   ‘‘यह गैर कांग्रेसी  गैर भाजपा पार्टियों को साथ लाने का सवाल है। हमारा 1989 और 1996 में कुछ अनुभव रहा है। हम उस आधार पर गठबंधन बना सकते हैं।’’गौरतलब है कि 1989 में माकपा और अन्य वामपंथी पार्टियों ने वी.पी. सिंह के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय मोर्चा सरकार को समर्थन दिया था।

1996 में वाममोर्चा ने एच.डी.देवेगौड़ा और आई.के.गुजराल की संयुक्त मोर्चा सरकार के गठन में मुख्य भूमिका निभाई थी। संयुक्त मोर्चा सरकार का अहम हिस्सा होने के बावजूद माकपा प्रमुख ज्योति बसु ने गठबंधन के सहयोगियों की पेशकश के बावजूद प्रधानमंत्री पद ठुकरा दिया था। करात फिलहाल प्रचार अभियान के सिलसिले में तमिलनाडु में हैं और आप द्वारा अनुकूल सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम पेश न किए जाने की आलोचना कर रहे हैं। करात ने आईएएनएस से कहा  ‘‘आप व्यवस्था के खिलाफ नहीं हो सकते और नवउदारवादी नीतियों के समर्थक होने के बावजूद भ्रष्टाचार विरोधी अभियान नहीं चला सकते।’’माकपा  आप की तरह भारतीय चुनाव में बेहतरीन शुरुआत क्यों नहीं कर पाई। इस सवाल पर करात ने कहा  ‘‘आप भारत में वाम मोर्चे का विकल्प नहीं हो सकती।’’करात ने कहा कि वाम मोर्चा कामगारों व किसान आंदोलन की वजह से क्षेत्र में मजबूत शक्ति बन कर उभरा है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिलने की भी संभावना जताई। उन्होंने इसकी वजह लूट-खसोट की सरकार चलाना  बढ़ती महंगाई  रोजगार सृजन में असफलता और बढ़ता भ्रष्टाचार बताया। करात का यह भी मानना है कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का उदय बढ़ती महंगाई  किसानों की हताशा  बेरोजगारी से पैदा हुए असंतोष का इस्तेमाल दक्षिणपंथी ताकतों द्वारा किए जाने की वजह से हुआ है।

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