प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऐलान किया कि भारत दो अक्तूबर को जलवायु परिवर्तन से जुड़े पेरिस समझौते का अनुमोदन करेगा। पहले सरकार की ओर से ये संकेत दिए गए थे कि भारत इस साल संधि पर मुहर नहीं लगाएगा। ग्लोबल वार्मिंग से निपटने की इस संधि के तहत सभी देशों को कार्बन उत्सर्जन की बाध्यकारी कटौती के अपने लक्ष्य को पूरा करने को जिम्मेदारी होगी।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर वह एक महत्वपूर्ण घोषणा कर रहे हैं। पीएम ने बताया कि उन्होंने दो अक्तूबर को इसलिए चुना क्योंकि महात्मा गांधी का जीवन न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन का उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण कई तटीय देशों और शहरों पर खतरा मंडरा रहा है। कोझिकोड भी इस खतरे की जद में है। अमेरिका समेत पश्चिमी देश इस समझौते का जल्द अनुमोदन का आग्रह कर रहे थे। हालांकि भारत इसके लिए राष्ट्रीय प्रक्रिया पूरा करने के लिए और समय मांग रहा है। सरकार कोे आशंका है कि जल्दबाजी में कोई निर्णय करने से उसकी विकास परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
पिछले साल पेरिस में हुआ था समझौता
पिछले दिसंबर में पेरिस जलवायु बैठक के दौरान 190 से अधिक देशों ने ग्लोबल वार्मिंग पर लगाम लगाने के लिए सहमति जताई थी। पेरिस समझौता के लागू होने के लिए कम से कम 55 देशों से इसके अनुमोदन की जरूरत है जो 55 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के जिम्मेदार हैं। भारत के अनुमोदन से यह जरूरत पूरी हो जाएगी।
जलवायु परिवर्तन संधि खारिज नहीं हो सकेगा
तीसरे सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देश भारत द्वारा संधि का अनुमोदन करने से यह संधि अस्तित्व में आ जाएगी और इसे किसी देश द्वारा खारिज नहीं किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह जलवायु परिवर्तन संधि को रद्द कर देंगे।
प्रधानमंत्री को केरल का पारंपरिक भोजन कराया गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां केरल का पारंपरिक भोजन सद्या कराया गया। भाजपा सूत्रों ने बताया कि करीब 15 प्रकार के मिष्ठान समेत कम से कम 100 तरह के व्यंजन परोसे गए। केरल में एनडीए के घटक बीडीजेएस अध्यक्ष तुषार वेल्लापल्ली, जनाधिपतिया राष्ट्रीय सभा के आदिवासी नेता सी के जानू, पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल कांग्रेस के एक गुट अगुवा पी सी थॉमस, जे एस एस गुट के नेता एएन राजन बाबू भी मोदी के साथ भोज में शामिल थे।