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भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने के लिए अमित शाह ने मांगे 25 साल

105469-amit-shahदस्तक टाइम्स एजेंसी/मथुरा : भाजपा ने भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए जनता से आज अगले 25 और सालों के लिए भगवा दल को सत्ता में बनाए रखने की मांग की और पार्टी कार्यकर्ताओं से घर-घर गांव-गांव जाकर यह पूछने को कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जेएनयू में जो कथित ‘देशद्रोहियों’ का समर्थन किया था क्या वह सही है? 

अगले साल विधानसभा चुनाव का सामना करने जा रहे उत्तर प्रदेश के मथुरा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोगों द्वारा लगाए जा रहे, ‘राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’, ‘भारत में रहना होगा, वन्देमातरम कहना होगा’ जैसे नारों के बीच यह बात कही।

शाह ने कहा कि भाजपा हमेशा से अन्य राजनीतिक दलों से अलग एक राष्ट्रवादी पार्टी रही है, जिसने गोवध पर प्रतिबंध, रामजन्म भूमि मुक्ति, हैदराबाद और गोवा मुक्ति आंदालनों में हिस्सा लिया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी जेएनयू में जाकर राष्ट्रद्रोही नारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जामा पहनाने का प्रयास करते हैं।

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया कि क्या वह अपने पुत्र के इस कृत्य का समर्थन करती हैं? उन्होंने कहा कि जेएनयू में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह, हम शर्मिंदा हैं, तेरी खातिर जिंदा हैं।’ जैसे नारे लगाए गए और देशद्रोह की इन बातों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से ढांपने का प्रयास किया गया।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा आज देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है और उससे भी बड़ी बात यह है कि यह देश की मिट्टी और संस्कृति से निकली विचारधारा से ओतप्रोत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को विकास के रास्ते पर लाने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं और देश विकास और सुरक्षा की राह पर चल पड़ा है, लेकिन ‘भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए भाजपा को 25 साल और सत्ता में बनाए रखना जरूरी होगा।’ 

उन्होंने कहा कि मोदी का यह प्रताप है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह नि:संकोच वाराणसी में जाकर गंगा की आरती करते हैं और नेपाल में जाकर भगवान पशुपति नाथ के मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने उन्हें ‘मौनी बाबा’ बताया और कहा कि उन्होंने नरेन्द्र मोदी से ज्यादा विदेश यात्राएं की हैं, लेकिन वह कभी अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाए, जबकि मोदी ने उनसे कम यात्राएं करके पूरे विश्व में भारत और हिंदी का मान बढ़ाया।

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