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भारत-पाक वीजा फ्री यात्रा पर हुए सहमत, 5000 श्रद्धालु रोजाना जा सकेंगे करतारपुर साहिब

जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच बुधवार को पंजाब के अटारी बॉर्डर से आपसी सौहार्द की खबर आई है। भारत-पाकिस्तान के बीच बुधवार को हुई संयुक्त सचिव स्तरीय बैठक में तय हुआ कि अब गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी। गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को गलियारे से पाकिस्तान में प्रवेश दिया जाएगा। यह गलियारा पूरे साल, सातों दिन खुला रहेगा और श्रद्धालु जब चाहें करतारपुर साहिब के दर्शन करने जा सकेंगे।

उन्हें बस एक परमिट लेना होगा। उन्होंने बताया कि विदेशी नागरिकता वाले भारतीय मूल के श्रद्धालु भी इस रास्ते से बिना वीजा के गुरुद्वारे के दर्शन करने जा सकेंगे। हालांकि पूरे मसौदे को लेकर दोनों देशों में अब भी कुछ मतभेद हैं, जिन पर अगली बैठक हो सकती है। पाकिस्तान श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वसूलना चाहता था, जिसका भारत ने विरोध किया। वहीं पाकिस्तान ने भारत को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में काउंसलर व प्रोटोकॉल सुविधा देने से इनकार कर दिया है।

करतारपुर गलियारे को लेकर दोनों पक्षों के बीच यह तीसरे दौर की बातचीत थी। इस दौरान पाकिस्तान से 15 सदस्यों वाला एक प्रतिनिधिमंडल वाघा बॉर्डर के रास्ते अटारी पहुंचा। विशेष पर्व और आयोजनों पर यह क्षमता बढ़ाई भी जा सकती है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की स्थापना सिखों के संस्थापक गुरु गुरुनानक देव जी ने 1522 में की थी। यह गलियारा पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक साहिब को जोड़ेगा।

गलियारे का 90 फीसदी काम पूरा: फैसल
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता व सार्क देशों के महानिदेशक मोहम्मद फैसल ने बैठक में हिस्सा लेने से पहले वाघा बॉर्डर पर कहा कि गलियारे का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। पाकिस्तान ने अगले दौर की बैठक के लिए भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान आने का न्योता दिया है।

550वें प्रकाशोत्सव पर नवंबर में खुलेगा गुरुद्वारा
नवंबर में सिख गुरु गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके पर करतारपुर गलियारे का शुभारंभ होगा। इस मौके पर भारतीय श्रद्धालु दर्शन करने करतारपुर साहिब जाएंगे।

73 साल में पहला वीजा मुक्त द्वार
भारत-पाकिस्तान की आजादी के 73 साल बाद करतारपुर गलियारा पहला ऐसा रास्ता है जहां से पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी। दोनों देशाें ने पिछले साल नवंबर में गुरुनानक देव के अंतिम स्थल करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से जोड़ने के लिए गलियारा बनाने की पहल की थी। इस गलियारे का करतारपुर साहिब से भारतीय सीमा तक का हिस्सा पाकिस्तान बनाएगा वहीं भारतीय सीमा से डेरा बाबा नानक तक का हिस्सा भारत सरकार को बनाना है। करतारपुर साहिब और डेरा बाबा नानक पीर के बीच चार किलोमीटर का फासला है।

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