अन्तर्राष्ट्रीय

भारत-बेल्जियम ने की ग्लोबल लेवल पर आतंकी नेटवर्क को रोकने की पैरवी

Belgium's Prime Minister Charles Michel, second right, and India's Prime Minister Narendra Modi inspects the troops prior to a meeting at the Egmont Palace in Brussels, Wednesday, March 30, 2016. Modi is in Belgium for an EU India summit where discussions will focus on the EU-India agenda for action 2020 and the ongoing Free Trade Agreement (FTA) negotiations, with an aim to instill some political impetus to the stalled talks. (AP Photo/Geert Vanden Wijngaert)

एजेन्सी/  ब्रसेल्स: भारत और बेल्जियम ने बुधवार को कुछ समूहों और देशों द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को बढावा देने के लिये धर्म का ‘दुरूपयोग’ रोकने के लिये मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी। इस बात पर जोर दिया कि सभी देश अपनी सरजमीं अथवा अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र से पैदा होने वाले आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेल्जियम के उनके समकक्ष चार्ल्स मिशेल के बीच बातचीत के बाद जारी साझा बयान में दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि ‘कोई भी मुद्दा या मकसद निर्दोष लोगों के खिलाफ भयावह और विवेकहीन हिंसक गतिविधियों को उचित नहीं ठहरा सकता।’

बीते 22 मार्च को ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों नेताओं की यह बैठक हुई। हमले में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई थी। दोनों पक्षों ने कहा, ‘आतंकी नेटवर्क एवं उनके वित्तीय माध्यमों को बाधित करने, आतंकी पनाहों, प्रशिक्षण ढांचे और आतंकवादियों की सीमापार आवाजाही को खत्म करने की तत्काल जरूरत है।’ मोदी और मिशेल ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता अथवा नस्ली समूह के साथ नहीं जोड़ा जा सकता और ऐसा होना भी नहीं चाहिए। 

साझा बयान में कहा गया, ‘भारत और बेल्जियम ने कट्टरपंथ की सोच को बेहतर ढंग से समझने तथा समूहों द्वारा धर्म के दुरूपयोग का मुकाबला करने तथा नफरत और हिंसक चरमपंथ को भड़काने अथवा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले देशों का मुकाबला करने का संकल्प किया है।’  मोदी और मिशेल ने ब्रसेल्स में पिछले सप्ताह हुए निर्मम आतंकी हमले को लेकर गहरा दुख और आक्रोश प्रकट किया तथा इसकी कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की। साझा बयान में कहा गया, ‘उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद की बढ़ती समस्या कोई सीमा नहीं देखती तथा इसके मुख्य कारण एवं अभिव्यक्तियों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा साझा प्रयासों से निपटा जाना चाहिए।’ 

बयान में कहा गया, ‘भारत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी ने दुख की इस घड़ी में बेल्जियम के प्रति एकजुटता प्रकट की तथा मारे गए लोगों के प्रति गहरा दुख प्रकट किया तथा घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।’ दोनों नेताओं ने बेहतरीन द्विपक्षीय संबंधों और कानून के राज को लेकर प्रतिबद्ध दो परिपक्व लोकतंत्र , संघवाद और बहुलतावाद के तौर पर उनकी साझा समानताओं पर जोर दिया। साझा बयान में दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 70वीं वषर्गांठ के मौके पर अगले साल बेल्जियम के राजा फिलिप की भारत की राजकीय यात्रा को लेकर उत्सुकता जताई गई है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की अहम भूमिका और 9,000 से अधिक जवानों के बलिदान की सराहना करते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने अक्तूबर, 2014 में बेल्जियम के निवूपोर्त और येप्रेस में आयोजित स्मृति समारोहों में भारत की भागीदारी को याद किया।

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