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भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली की धमक

98623-kohliapनई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट को 2015 में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ा जिसमें विराट कोहली ने टेस्ट मैचों में राष्ट्रीय टीम की सफलतापूर्वक अगुआई की जबकि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में वनडे टीम उम्मीदें पर खरी नहीं उतरी। इस बीच जगमोहन डालमिया के निधन के बाद शशांक मनोहर की बीसीसीआई प्रमुख के तौर पर वापसी हुई।

पिछले साल सिडनी टेस्ट के बाद धोनी के संन्यास लेने के बाद से टेस्ट टीम की कमान संभाल रहे कोहली ने बेहतरीन तरीके से भारतीय टीम की अगुआई की। दिल्ली के बल्लेबाज कोहली ने श्रीलंका में पहली बार पूर्ण सीरीज में टेस्ट टीम की कप्तानी करते हुए उसे 2-1 से जीत दिलाई जो टीम इंडिया की इस देश में 22 साल बाद जीत है। कोहली की अगुआई में युवा टीम ने इसके बाद घरेलू सरजमीं पर दुनिया की नंबर एक टीम दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से हराकर इतिहास रचा। यह दक्षिण अफ्रीका की विदेशी सरजमीं पर नौ साल में पहली हार है। चार मैचों की इस सीरीज के दौरान हालांकि पिच को लेकर काफी चर्चा हुई। मोहाली और नागपुर में दो मैच तीन दिन के भीतर खत्म हो गए जिसमें भारतीय स्पिनर विरोधी टीम पर कहर बनकर टूटे।

बीसीसीआई, भारतीय टीम प्रबंधन और कप्तान कोहली ने स्पिन लेती पिचों पर बहस को शांत करने की कोशिश की लेकिन आईसीसी ने जामथा की पिच को खराब करार दिया और आधिकारिक चेतावनी भी दी। भारतीय क्रिकेट में मैदान के बाहर भी विवाद देखने को मिला जब नये बोर्ड ने आलोचना का शिकार एन श्रीनिवासन को आईसीसी चेयरमैन के पद से हटा दिया और उनके जगह नवनियुक्त बीसीसीआई अध्यक्ष मनोहर को बाकी बचे कार्यकाल के लिए चुना।

इससे पहले डालमिया के निधन के बाद विदर्भ के वकील मनोहर को एक बार फिर दुनिया के सबसे ताकतवर बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया। इंडियन प्रीमियर लीग में मैदान के अंदर और बाहर ड्रामा जारी रहा। चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स फ्रेंचाइजियों को उनके अधिकारियों गुरूनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के 2013 सत्र के दौरान सट्टेबाजी से जुड़ी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण इस लुभावनी टी20 लीग से दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया।

सीएसके के पूर्व टीम प्रिंसिपल मयप्पन और रायल्य के सह मालिक कुंद्रा पर सट्टेबाजी में शामिल होने और आईपीएल तथा खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए आजीवन निलंबन लगाया गया। न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अगुआई वाली समिति ने अधिकारियों और टीमों को यह सजा सुनाई गई। इन दो टीमों के खिलाड़ी हालांकि आईपीएल का हिस्सा रहेंगे और फिलहाल कुछ खिलाड़ियों को दो नयी टीमों पुणे और राजकोट ने चुना। पुणे ने धोनी जबकि राजकोट ने सुरेश रैना को सबसे पहले चुना जो अब तक सीएसके का अहम हिस्सा रहे हैं और इस टीम के साथ तीन बार खिताब जीत चुके हैं। राज्य संघ भी विवाद का हिस्सा रहे। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल की निगरानी में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चौथे टेस्ट की मेजबानी करनी पड़ी जबकि उस पर धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगा।

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी डीडीसीए पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और इसमें पूर्व अध्यक्ष अरूण जेटली को भी घसीट दिया। पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद की अगुआई वाले नाराज धड़े जिसमें बिशन सिंह बेदी भी शामलि रहे ने भी राज्य संघ और जेटली पर अनियमितताओं के आरोप लगाए। सभी पक्षों ने या तो कानूनी रास्ता अपना लिया है या अदालत जाने की तैयारी कर रहे हैं। मैदान की बात करें तो रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की भारत की स्पिन जोड़ी छाई रही। दोनों ने एबी डिविलियर्स और हाशिम अमला जैसे बल्लेबाजों की मौजूदगी वाले दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजी क्रम को काफी परेशान किया और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।

भारतीय तेज गेंदबाज हालांकि काफी प्रभाव नहीं छोड़ पाए। ईशांत शर्मा ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मोहम्मद शमी लगभग पूरे साल मैदान से दूर रहे। वह हालांकि आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 50 ओवर में विश्व कप में खेले और भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। धोनी की अगुआई में विश्व कप में खिताब बचाने उतरी टीम इंडिया एकतरफा सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया से हार गई।

माइकल क्लार्क की अगुआई में आस्ट्रेलिया ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर पहली बार फाइनल में पहुंचे न्यूजीलैंड को हराकर पांचवां विश्व खिताब जीता। क्लार्क ने विश्व कप के बाद वनडे क्रिकेट को अलविदा भी कहा। न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी और आस्ट्रेलिया के मिशेल जानसन ने भी टूर्नामेंट के बाद वनडे क्रिकेट को अलविदा कहा। वर्ष 2010, 2011 और 2014 में चैम्पियन बनी सुपरकिंग्स टीम 2015 में भी फाइनल में पहुंची लेकिन मुंबई इंडियन्स ने उसे हराकर दूसरी बार खिताब जीत लिया। धोनी की अगुआई में भारत को इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट और टी20 सीरीज गंवानी पड़ी जिससे उनकी ‘कैप्टन कूल’ की छवि को भी झटका लगा।

बायें हाथ के तेज गेंदबाज 37 साल के जहीर खान और आक्रामक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। इन दोनों ने 14 साल भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। जहीर ने 92 टेस्ट और 200 वनडे में कुल 593 विकेट चटकाए जबकि सहवाग ने 104 टेस्ट और 251 वनडे खेलते हुए दोनों प्रारूपों में प्रत्येक में 8000 से अधिक रन जुटाए। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा ने विश्व कप के बाद वनडे क्रिकेट को अलविदा कहा। संगकारा ने भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास लिया जबकि जयवर्धने लंबे प्रारूप को पहले ही छोड़ चुके थे।

इसके अलावा मिसबाह उल हक (वनडे), शाहिद अफरीदी (टेस्ट और वनडे), रेयान हैरिस (सभी प्रारूप), शेन वाटसन (वनडे), इयान बेल (वनडे) ने भी संन्यास लिया। इस बीच क्रिकेट के 138 साल के इतिहास में पहली बार एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलेंड के बीच गुलाबी गेंद से पहला दिन रात्रि टेस्ट खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने यह टेस्ट सात विकेट से जीता और माना जा रहा है कि आईसीसी का यह प्रयोग आगे भी जारी रहेगा।

इस दौरान अमेरिका में ‘क्रिकेट ऑल स्टार्स’ टी20 सीरीज भी खेली गई। भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज शेन वार्न की इस टी20 लीग में अमेरिका के बेसबाल मैदानों पर ब्रायन लारा, वसीम अकरम, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, कर्टली एंब्रोस, जोंटी रोड्स, मुथला मुरलीधन और एलेन डोनाल्ड ने एक बार फिर न्यूयार्क, ह्यूस्टन और लास एंजिलिस के मैदानों पर अपना जलवा दिखाया।

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