पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय और धारचूला में शनिवार तड़के 3.47 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.4 आंकी गई। इसका केंद्र 29.3 उत्तरी अक्षांश और 81.7 पूर्वी देशांतर था जो पश्चिमी नेपाल के पहाड़ी इलाके में पड़ता है।
मौसम विभाग के अनुसार भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से दस किलोमीटर की गहराई पर था। धारचूला में भूकंप का झटका ज्यादा महसूस किया गया। सोए लोग दहशत में उठ गए। जिला मुख्यालय में भी मकानों की दूसरी और तीसरी मंजिलों में रहने वालों को ज्यादा तीव्र झटके महसूस हुए।
नेपाल सीमा से सटे इलाकों में भूकंप का झटका ज्यादा रहा। जिला मुख्यालय में आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार नेपाल सीमा से सटे इलाकों में ही भूकंप का ज्यादा असर रहा। अन्य इलाकों में भूकंप का असर कम रहा।
आपदा प्रबंधन अधिकारी डॉ. आरएस राणा ने बताया कि कहीं से भी नुकसान की सूचना नहीं है। प्रभारी जिलाधिकारी विनोद गिरी गोस्वामी के अनुसार कहीं से भी नुकसान की खबर नहीं है। सभी एसडीएम को अलर्ट रहने को कहा गया है।
विज्ञानियों का मानना है कि नेपाल और हिमालयी क्षेत्र के अन्य हिस्सों के भूगर्भ में स्टोर हो रही इनर्जी चमोली, उत्तरकाशी आदि क्षेत्रों में भी झटके दे सकती है। भूगर्भ की जितनी गहराई में भूकंप का केंद्र रहेगा झटके उतनी दूर तक महसूस किए जाएंगे। उत्तराखंड, नेपाल और चीन के कुछ हिस्से में जहां भूगर्भ इनर्जी स्टोर हो रही है वहां की भूकंप पट्टियां सक्रिय हो गई हैं। इससे तेज झटके लग सकते हैं।
गौरतलब है कि नेपाल में भूकंप आने के बाद विज्ञानियों ने अंदेशा जाहिर किया था कि वहां फिर भूकंप आ सकता है। नेपाल सरकार को मशविरा दिया गया था कि वहां से आबादी कहीं और शिफ्ट कर दी जाए। साथ ही वहां आपदा प्रबंधन चुस्त-दुरुस्त कर दिया जाए। डॉ. कुमार का कहना है कि जाड़े के दिनों में छोटे-छोटे भूकंप आने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।