नई दिल्ली : नेपाल में तबाही के मद्देनजर केंद्र सरकार ने भूकंप के लिहाज से सबसे संवेदनशील दिल्ली को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत राजधानी के मास्टर प्लान 2021 में कुछ संशोधन किए जाएंगे। इसके अंतर्गत नई इमारतों को भूकंपरोधी बनाना अनिवार्य किया जाएगा और ऐसा न करने वालों को एनओसी इत्यादि नहीं दी जाएगी। इसके अलावा पुरानी इमारतों को सुरक्षित करने के लिए रेट्रोफिटिंग सहित अन्य विकल्पों की तलाश की जाएगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि दिल्ली भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माने गए सेसमिक जोन 4 में शामिल है, इसे देखते हुए मास्टर प्लान में भूकंप जैसी आपदा के लिहाज से कुछ संशोधन करना जरूरी है। पुरानी इमारतों को सुरक्षित करने के लिए आईआईटी सहित भवन निर्माण इंजीनियरिंग से जुड़े संस्थानों से मदद ली जा रही है।
एक अध्ययन की मानें तो दिल्ली में करीब 70 फीसदी से अधिक इमारतें असुरक्षित हैं। दिल्ली सरकार ने भी स्वीकार किया है कि यमुनापार इलाके में बसी कच्ची कालोनी, पुनर्वास कालोनी और पुरानी दिल्ली की घनी आबादी वाले इलाकों की इमारतें खतरे के दायरे में हैं। इसे देखते हुए तत्कालीन एलजी तेजेंद्र खन्ना ने इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए विशेष कमेटी का गठन कराया था। उस कमेटी की रिपोर्ट भी देखी जाएगी। अभी मास्टर प्लान 2021 में संशोधन की कवायद चल रही है। जल्द ही इसे लागू किया जाना है।