अद्धयात्म
भूखे-प्यासे रहकर अपने बच्चों के लिए दुआएं मांग रही हैं मांएं..
नई दिल्ली। संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ महिलाएं जीवित पुत्रिका व्रत आज 23 सितंबर को करेंगी।
आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पुत्र के आरोग्य लाभ तथा सर्व विध कल्याण के लिए जीवित पुत्रिका, जिउतिया या जीमूत वाहन व्रत किया जाता है।
ब्राह्मणों के अनुसार व्रत का विधान आज शुक्रवार को शुरू होगा। शुक्रवार को सप्तमी तिथि सुबह 8:59 बजे समाप्त हो रही है और अष्टमी लग जा रही है। दूसरे दिन 24 सितंबर को उदया अष्टमी प्रातः 6:59 बजे तक रहती है। शनिवार को जीवित पुत्रिका व्रत का पारण सुबह 6:59 बजे के बाद होगा।
संतान सुख की चाहत रखने वालों के लिए खास है यह व्रत –
हर मां की चाहत होती है उनकी संतान दीर्घायु हो और उनका जीवन सुखमय बीते। इसके लिए माताएं भगवान की पूजा करती हैं और व्रत भी रखती हैं। ऐसा ही एक व्रत है जिसके बारे में कहा जाता है कि जो माताएं यह व्रत रखती हैं उनकी संतान दीर्घायु होती है और उन्हें अल्पायु में संतान की मृत्यु का कष्ट नहीं सहना पड़ता है।
क्या है पूजन का विधान –
व्रती प्रदोष काल में गाय के गोबर से आंगन को लीपने के बाद परिष्कृत करके छोटा सा तालाब भी जमीन खोदकर बनाने चाहिए। तालाब के निकट एक पाकड़ की डाल लाकर खड़ा कर शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की कुश निर्मित मूर्ति जल या मिट्टी के पात्र में स्थापित कर पीली और लाल रूई से उसे अलंकृत कर धूप, दीप, अक्षत, फूल, माला एवं विविध प्रकार के नैवेद्यों के साथ पूजन करना चाहिए।