दर्पण को कभी भी अपने शयनकक्ष में न रखें, क्योंकि इससे गलतफहमी और झगड़े होते हैं। यदि शयनकक्ष में दर्पण है, तो बेहतर होगा कि आप इस पर पर्दा लगा दें, खासकर रात के समय। यह भी महत्वपूर्ण है कि आपसी बातचीत और अटूट प्रेम बनाए रखने के लिए, कमरे में बेहतर रोशनी का होना जरूरी है।
शयनकक्ष में पूजा स्थल को कभी भी नियोजित नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही अगर अटैच बाथरूम है, तो इसके दरवाजे को हमेशा बंद रखा जाना चाहिए। स्थान के अभाव में यदि मंदिर शयनकक्ष में ही बनाना पड़े, तो मंदिर के चारों ओर पर्दे लगा दें। इसके अलावा, शयनकक्ष के उत्तर-पूर्व दिशा में ही पूजास्थल होना चाहिए।
एक परिवार में रिश्ते को निर्धारित करने में रसोई प्रमुख भूमिका निभाता है। रसोई में गैस और सिंक को अलग-अलग और ज्यादा दूरी पर रखें।
यदि आप कमरे में कोई कलाकृति/तकिए आदि रखते हैं, तो इन्हें हमेशा जोड़े में ही रखें।