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भूलकर भी शेयर न करें 20 अंक वाला सिम का यूनिक नंबर, हो जाएगा नुकसान

नई दिल्ली : लोगों को ठगने के लिए साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। सिम स्वैप उनका नया हथियार है। सिम स्वैप में ठग आपके मोबाइल सिम का डुप्लीकेट सिम हासिल करके सीधे बैंक खाते में सेंधमारी करते हैं और आपको पता भी नहीं लगता है। डुप्लीकेट सिम ठगों के हाथ लगते ही आपका सिम काम करना बंद कर देता है। इन साइबर अपराधियों के पास आपके बैंक डिटेल्स पहले से होते हैं, इन्हें केवल आपके फोन पर आने वाले ओटीपी की जरूरत होती है। सिम स्वैप करते ही इन्हें ओटीपी भी मिल जाता है। थोड़ी सी होशियारी बरतकर आप ऐसी धोखाधड़ी से बच सकते हैं। प्रत्येक सिम कार्ड में 20 अंक का सिम नंबर होता है। यह सिम कार्ड के पीछे दिया रहता है। फ्रॉड के मामलों में ठग आपसे यही 20 अंक का यूनीक नंबर जानने की कोशिश करते हैं। 20 अंक वाले सिम के यूनीक नंबर के आधार पर ही साइबर अपराधी आपके सिम का डुप्लीकेट सिम हासिल करते हैं। ऐसे में कभी 20 अंक का यूनीक सिम नंबर किसी को न बताएं। आपका 20 अंकों वाला यूनीक सिम नंबर हासिल करने के लिए साइबर अपराधी कई तरह के लुभावने ऑफर देते हैं।

फर्जी कॉल सेंटर का सहारा लेकर ये फ्री में डेटा, कॉल का ऑफर देते हैं और इसी बहाने सिम का यूनीक नंबर जानने की कोशिश करते हैं। किसी ऑफर के चक्कर में फंसकर जब आप 20 अंकों वाला यूनीक सिम नंबर देने के लिए राजी हो जाते हैं तो हैकर्स आपको कॉल करके 1 या कोई दूसरा नंबर दबाने के लिए कहते हैं। ऐसी किसी भी कॉल से सावधान रहें, क्योंकि जैसे ही आप ये नंबर दबाएंगे तो आपका सिम स्वैप हो जाएगा। पिछले दिनों एक मामले में मुंबई के एक कारोबारी की सिम स्वैप करके अपराधियों ने 1.86 करोड़ रुपये की चपत लगा दी। कारोबारी के पास रात 11 बजे से 2 बजे के बीच 6 मिस्ड कॉल आईं थीं। इनमें से एक कॉल ब्रिटेन से आई थी। ऐसे में बेहतर होगा कि आप अनजान और बाहर से आने वाले नंबरों से अलर्ट रहें।

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