नई दिल्ली : सीएमएस-इंडिया करप्शन स्टडी 2018 के मुताबिक, सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में सुस्तता को लेकर तेलंगाना दूसरे नंबर पर है। रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार की सूची में आंध्र प्रदेश चौथे नंबर पर है। स्टडी में यह भी पाया गया कि कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, बिहार और तेलंगाना में लोगों की सक्रियता बहुत ज्यादा है। जबकि, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में समाज की भूमिका और उनकी सजगता कम है। सीएमएस इंडिया के आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि यह 12वें दौर का सर्वे था। इसमें कई तरह के सब-इंडिकेटर का इस्तेमाल किया गया था। तमिलनाडु भ्रष्ट राज्यों की सूची में अव्वल स्थान पर था। जिन राज्यों में भ्रष्टाचार ज्यादा है वहां पर कानून का ठीक तरह से पालन करने की आवश्यकता है। स्टडी के दौरान तेलंगाना में 73 प्रतिशत घरों में लोगों ने यह माना कि पिछले एक साल के दौरान सार्वजनिक सेवा के उपयोग के लिए उन्हें अधिकारियों को घूस देनी पड़ी है। कुल मिलाकर अगर देखें तो करीब 75 फीसदी देश के घरों का ऐसा मानना है कि पिछले एक साल के दौरान सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार या तो बढ़ा है या फिर बराबर है।ट्रांसपोर्ट, पुलिस, हाउसिंग, लैंड रिकॉर्ड्स, हेल्थ और हॉस्पीटल ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार सामने आया। खास बात ये रही कि सर्वे में सात फीसदी लोगों ने यह कहा कि उन्होंने आधार कार्ड के लिए भी घूस दी है। जबकि, 3 प्रतिशत लोगों ने वोटर कार्ड के लिए रिश्वत दी।