अद्धयात्म
मंगलवार को किस दिशा में है दिशाशूल और कैसे करें दोष निवारण?
अगर एकादशी तिथि हो तो इसमें समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, विवाह, यज्ञोपवीत, चित्रकारी, देवोत्सव, यात्रा, प्रवेश, देवकार्य, गृहारम्भ, प्रवेश व व्रतोपवास आदि शुभ कार्य प्रशस्त हैं। पर अभी मलमास दोष के कारण उपरोक्त वर्णित शुभ कार्य वर्जित हैं।
एकादशी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: शुद्ध विचार वाला एवं धर्म कार्यों में रुचि रखने वाला, धनवान, गुरु इत्यादि की सेवा-विनय में व्यस्त, धन ऐश्वर्य व संतानादि का सुख भोगने वाला, न्यायप्रिय, दानी तथा राज-समाज में सम्मान पाने वाला होता है।
इसी प्रकार अगर किसी दिन विशाखा नक्षत्र हो तो उसमें यथाआवश्यक पदार्थ संग्रह, अलंकार, कारीगरी, चित्रकारी, प्रहार, रथ व औषध सेवन सम्बन्धी समस्त कार्य करने योग्य हैं।
विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातक सुन्दर, धनवान, लड़ाई-झगड़े में रुचि रखने वाला, यात्राएं अधिक करने वाला, कृपण, लोभी, वाक्-पटु, सामान्य बुद्धि वाला, क्रोधी, अहंकारी, दंभी कामासक्त, व्यसनप्रिय, धन प्राप्ति के मामले में भाग्यशाली, अनायास धन प्राप्त करने वाला व शत्रुजयी होता है। इनका भाग्योदय वर्ष 21-28, 34। क्रय-विक्रय में चतुर व प्रसिद्ध होते हुए भी कलहपूर्ण वातावरण में जीवन यापन करने वाला होता है।
वारकृत्य कार्य
मंगलवार को सामान्यत: भेद लेना, खान-धातु, सोना, मूंगा आदि से संबंधित कार्य करने योग्य हैं।
दिशाशूल
मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर अति आवश्यकता में कुछ गुड़ खाकर शूल दिशा की अनिवार्य यात्रा पर प्रस्थान कर लेना चाहिए। चंद्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी।