अद्धयात्म

मंगलसूत्र पहनने के ये फायदे, खुद महिलाओं को भी नहीं होगा पता

हम सभी जानते हैं कि हमारे शास्‍त्रों में कई सारी बातें ऐसी बताई गई है जिससे आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में काफी सहायता मिलती है लेकिन वहीं कई ऐसे तथ्‍यों के बारे में भी चर्चा किया गया है जिसे आप नहीं जानते होगे। हम सभी ये तो जानते ही हैं कि हमारे हिन्दू धर्म में कई रिति रिवाज होते हैं जिनके पीछे कोई न कोई कारण जरूर छिपा होता है। आज हम आपको एक ऐसे ही रिवाज के बारे में बताने जा रहे हैं और उसके पिछे छिपे कारण के बारे में।

हिंदूधर्म में महिलाओं का विवाह के बाद मंगलसूत्र पहनना काफी महत्‍वपूर्ण माना जाता है क्‍योंकि मंगलसूत्र विवाह का प्रतीक चिन्ह और सुहाग की निशानी माना जाता है इसलिए विवाह के बाद सुहागन स्त्रियां इसे गले में पहनती हैं। मंगलसूत्र पहनने का यह नियम सदियों से चला आ रहा है। भारतीय महिलाएं अपने गले में काले मोतियों और सोने के पेंडेंट से बना एक गहना पहनती हैं, जिसे मंगलसूत्र कहते हैं। इसे भारतीय समाज में शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं मंगलसूत्र पहनने की कुछ मान्यताएं।

बता दें कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बताया जाता है कि सोना गुरू के प्रभाव में होता है यही कारण है कि गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन में खुशहाली, संपत्ति और ज्ञान का कारक माना जाता है। यह धर्म का कारक भी है। इसके साथ ही ये भी बताया जाता है कि काला रंग शनि का प्रतीक माना जाता है। शनि स्थायित्व एवं निष्ठा का कारक ग्रह होता है। गुरू और शनि के बीच सम संबंध होने के कारण मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन में सुख एवं स्थायित्व लाने वाला माना जाता है।

वहीं आपको ये भी बता दें कि शास्‍त्रों के अनुसार कहा जाता है कि विवाह के समय दुल्हन पर सबकी नजर टिकी होती है इससे दुल्हन को बुरी नजर लगने का भय रहता है और मंगलसूत्र में पिरोए गये काले मोती से अशुभ शक्तियां दूर रहती है। मंगलसूत्र बुरी नजर से रक्षा करता है मंगलसूत्र के विषय में यह भी मान्यता है कि इससे पति पर आने वाली विपत्तियां दूर होती है।

कहा तो ये भी जाता है कि मंगलसूत्र या इनके मोतियों से होकर निकलने वाली वायु हमारे और खासतौर पर इसे धारण करने वाली महिलाओं के इम्यून सिस्टम या रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करती है। इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार, गले में स्वर्णधातु धारण करने से छाती और ह्रदय स्वस्थ रहते हैं। साथ ही ह्रदय संबंधी बीमारियां भी दूर रहती है।

सबसे महत्‍वपूर्ण बात तो ये हैं कि मंगलसूत्र में सोना का अंश जुड़ा होता है और अगर शास्‍त्रों की मानें तो माना जाता है कि स्वर्ण धारण करने से शरीर शुद्ध होता है। स्नान के समय सोने का स्पर्श करके जो पानी शरीर पर गिरता है उससे पापों से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं अक्‍सर मंगलसूत्र में मोर का चिन्ह बना हुआ होता है जो कि पति के प्रति प्रेम का प्रतीक माना जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये स्वास्थ्य संबंधी लाभों के अलावा ‘मंगलसूत्र’ महिला और उसके पति के बीच संबंधों में गहराई लाने का भी काम करता है।

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