लखनऊ : उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज सपा और बसपा के सम्भावित गठबंधन पर तंज करते हुए कहा कि ये दोनों दल केन्द्र में मजबूत नहीं, बल्कि मजबूर सरकार चाहते हैं, मगर उनका यह मंसूबा पूरा नहीं होगा। मौर्य ने कहा कि सपा-बसपा को मजबूर सरकार चाहिये, लेकिन देश को मजबूत सरकार चाहिये। मजबूर सरकार जो बनेगी, वह खामख्याली के हिसाब से कांग्रेस की अगुवाई वाली हो सकती है लेकिन मजबूत सरकार तो नरेन्द्र मोदी के ही नेतृत्व में बनेगी। ऐसा हमारा और पूरे देश का विश्वास है। उन्होंने दावा किया कि सपा, बसपा और कांग्रेस के गठबंधन से अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत की सम्भावनाओं पर दूर-दूर तक कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जनता इन दलों की अवसरवादी लीला को अच्छी तरह जानती है। उप मुख्यमंत्री ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में यादव बहुल क्षेत्रों में भाजपा की जीत, इस बात की परिचायक है कि प्रदेश में इस समुदाय के लोग अवसरवादी नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी और विकासवादी हैं। भाजपा द्वारा विभिन्न जातियों के अलग-अलग सम्मेलन आयोजित किये जाने को लेकर विपक्ष द्वारा उठाये जा रहे सवालों पर मौर्य ने कहा कि जतिवाद की राजनीति करने वाले लोग भाजपा को पाठ ना पढ़ाएं। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, चाहे वह पिछड़ा वर्ग हो, चाहे अनुसूचित जाति, जनजाति, सामान्य वर्ग हो, उसके लोगों को बुलाकर उनके साथ बातचीत करना और उचित सम्मान दिलाना हमारी सरकार और पार्टी की प्राथमिकता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने इसी के क्रम में सफल सम्मेलन आयोजित किये हैं। विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस बौखलाहट की वजह से इन सम्मेलनों पर निशाना साध रहे हैं। उन्हें पता चल गया है कि पिछड़ा वर्ग इनके हाथ से निकल गया है और उनकी ओर देखने तक को तैयार नहीं है। यह वर्ग मोदी की ओर देख रहा है। मौर्य ने दावा किया कि बिरादरियों के सम्मेलनों में जबर्दस्त उत्साह देखा गया। मैं समझता हूं कि जो उत्साह वर्ष 2014 और 2017 में था, दोनों को मिलाकर जो बाकी रह गया था, वह सब वोट भी 2019 में भाजपा को मिलेगा। भारत के प्रधानमंत्री पिछड़े वर्ग के हैं, तो पिछड़ा वर्ग उत्साहित महसूस कर रहा है। वर्ष 2019 में हम उत्तर प्रदेश में 73 से ज्यादा सीटें जीतेंगे। सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव द्वारा समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठित किये जाने के बारे में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के घटनाक्रम चलते रहते हैं और उनसे कोई फर्क नहीं पड़ता।