मथुरा गैंगवार: सिपाही ने रिश्वत लेकर जेल में पहुंचाए थे हथियार
मथुरा: जिला जेल में हुए गैंगवार और बाद में घायल कैदी राजेश टौंटा की हत्या का सरगना मथुरा का गोपाल यादव है। आईजी सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि जिला जेल के सिपाही कैलाश ने रिश्वत लेकर जेल में दो पिस्टल पहुंचाई थी। यह साजिश राजेश टौंटा की हत्या करने के लिए रची गई थी। जेल के अंदर टोंटा बच गया था। बाद में इसकी सूचना मुख्य आरोपी गोपाल यादव को लगी। रात को नेशनल हाइवे नंबर दो पर उसने साथियों के साथ एंबुलेंस पर हमला किया और राजेश टौंटा की हत्या कर दी। आईजी ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर गोपाल यादव को हिरासत में लिया गया। तलाशी के दौरान उसके पास से एक देसी तमंचा और पांच जिंदा कारतूस बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि राजेश टौंटा उसे मारना चाहता था। 10 सितंबर को राजेश टौंटा और उसके साथी लोरेंस मोना ठाकुर और संजू प्रधान ने बृजेश मावी की हत्या कर दी। उसने गोपाल यादव और प्रमोद चौधरी को बंधक बनाया था। इस मामले में गोपाल यादव और प्रमोद गवाह थे। इसलिए वह उन्हें मारना चाह रहा था।
बदला लेने के लिए गोपाल यादव और राकेश चौधरी ने तीन अन्य साथी दीपक वर्मा, दीपक मीना और अक्षय सोलंकी को राजेश टौंटा की हत्या की सुपारी दी थी। इन तीनों ने असलहा की मांग की थी। तब जिला जेल के सिपाही कैलाश को एक लाख दस हजार रुपए देकर एक रिवॉल्वर, एक पिस्टल, 16 कारतूस और एक तेल की शीशी उपलब्ध करवाई थी। यह बात गोपाल ने स्वीकार की है। सिपाही कैलाश ने इस रुपए में से 90 हजार और दो असलहे जेल के अंदर दीपक वर्मा और दीपक मीना को उपलब्ध करवाया। दीपक वर्मा, दीपक मीना और अक्षय सोलंकी ने 17 जनवरी को जिला जेल में राजेश टोटा की हत्या का प्रयास किया। लेकिन गोलीबारी में राजकुमार शर्मा और राजेश टोंटा घायल हो गया। इसी दौरान राजकुमार शर्मा और उसके साथियों ने अक्षय सोलंकी की हत्या कर दी। जब इसकी सूचना गोपाल यादव को मिली तो उसी समय फैसला कर लिया कि हर हाल में हत्या करके रहेंगे। वे सभी मथुरा में मौजूद थे।