मध्य प्रदेश में ‘राक्षस’ की वजह से 80 लोग कर चुके हैं खुदकुशी
एंजेंसी/ हर साल दुनिया में लाखों लोग अलग-अलग वजहों से सुसाइड करते हैं. दुनिया में कुछ जगह तो ऐसी है जो केवल सुसाइड प्वाइंट के लिए बदनाम हैं. कोई मोहब्बत में नाकाम होने पर तो कोई जिंदगी की छोटी सी मुसीबत से हार कर मौत को गले लगा लेता हैं. हर किसी का केस अलग-अलग होता है, लेकिन कोई भी ‘राक्षस’ की वजह से खुदकुशी नहीं करता. आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे है जहां ‘राक्षस’ लोगों को सुसाइड करने के लिए मजबूर कर रहा है.
महज 2500 की आबादी वाले इस इलाके में पिछले दो दशकों में करीब 350 लोग सुसाइड कर चुके है. इस साल पहले तीन महीनों में ही 80 लोगों ने मौत को गले लगा लिया.
यह इलाका देश की धड़कन कहे जाने वाले मध्य प्रदेश का महज एक छोटा सा गांव हैं. ढाई हजार की आबादी वाले इस गांव में एक भी ऐसा घर नहीं होगा, जिसके परिवार ने ‘राक्षस’ की वजह से सुसाइड नहीं किया हो. हर उम्र और हर वर्ग के लोग यहां आए दिन सुसाइड कर रहे है.
यह चौंकाने वाला आंकड़ा मध्य प्रदेश के बाड़ी गांव का है. इस गांव में रहने वाले 320 परिवारों में हर किसी की दास्तां एक जैसी है. कभी जिंदाजिल और खुशहाल रहने वाले गांव में ‘मौत का साया’ यूं मंडराने लगा कि एक के बाद एक ग्रामीण मौत को गले लगाने लगे. हर परिवार की अपनी ‘सुसाइड स्टोरी’ है. अधिकांश मामलों में काफी अरसा बीत जाने के बावजूद परिजनों को इस बात का पता नहीं है कि उनका अपना क्यों इस तरह दुनिया से रूठकर चला गया.
अभी ज्यादा वक्त नहीं गुजरा जब गांव के सरपंच राजेंद्र सिसौदिया ने ही खुदकुशी कर ली. राजेंद्र की मौत के बाद अब उनके चचेरे भाई जीवन को सरपंच चुना गया हैं. जीवन गांव में खुदकुशी के बढ़ते मामलों को लेकर जो वजह बताते है वह काफी चौंकाने वाली हैं. जीवन की माने तो गांव में ‘राक्षस’ का वास है. इसकी वजह से लोग खुदकुशी कर रहे है.
हालांकि, मनोचिकित्सक इस बात से इत्तफाक नहीं रखते हैं. इसके पीछे वह कई वजह गिनाते हैं. उसमें डिप्रेशन, मानसिक स्थिति और आर्थिक हालात भी शामिल है. बताते हैं कि खेती में उपज में कमी और फसल चौपट होना इस गांव के लिए लोगों के लिए नासूर बनता जा रहा है.
खुदकुशी के लिए बदनाम हो रहे इस गांव में अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिससे की लोगों को ऐसा करने से रोका जाए.