देहरादून: उत्तराखंड के मसूरी में मास्क न पहनने पर हुए पुलिस चालान के मामले में बुधवार को रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा ने डीजीपी अशोक कुमार से मिलकर दारोगा की शिकायत की. इसके बाद डीजीपी ने मामले की जांच एसपी सिटी सरिता डोभाल देहरादून को सौंप दी. इसके साथ ही दारोगा समेत कई पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है.
दरअसल, रुड़की से भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा अपने परिवार के साथ मसूरी घूमने पहुंचे थे. यहां मास्क न पहनने को लेकर मसूरी कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर नीरज कठैत ने विधायक का चालान काटा था. इस पूरी घटना का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें विधायक चालान के 500 रुपये फेंक रहे थे और बहस कर रहे थे.
विधायक प्रदीप बत्रा ने उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात में कहा कि इस मामले में वीडियो का एक अंश ही दिखाया जा रहा है, नोट फेंकने या बहस करने का सिर्फ उनसे जुड़ा अंश दिखाया जा रहा है, जबकि बहस की शुरुआत और दरोगा की टिप्पणियों को जानबूझकर हटा दिया गया है.
विधायक प्रदीप बत्रा के अनुसार, यदि वो गलत भी थे तो भी दारोगा को प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें मिस्टर कहने का अधिकार नहीं था.साथ ही दारोगा इस मामले में खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं, जो गलत है. विधायक के अनुसार, पुलिसकर्मी वहां पर पर्यटकों से अभद्र व्यवहार कर रहे थे, उन्होंने हस्तक्षेप किया तो पुलिस कर्मी उल्टा उनका चालान करने लग गए.
विधायक प्रदीप बत्रा ने अपने 500 रुपये भी सरकारी खजाने से वापस करने की बात की है. इस मामले में दारोगा नीरज कठैत का थाना कालसी में ट्रांसफर कर दिया गया है ,जो देहरादून जिले के ही देहात क्षेत्र में आता है. वैसे सिर्फ इसी दरोगा का नहीं बल्कि 3 साल से पहले से एक ही थाने में जमे 100 से ज्यादा दारोगाओं और अन्य पुलिकर्मियों का तबादला हुआ है.