अजब-गजब

महज 21 साल की उम्र में यह बेहद खूबसूरत लड़की बन गई साध्वी, हकीकत जान कर रह जायेंगे दंग

आपने अक्सर ऐसी लड़कियों को देखा होगा, जो काफी छोटी उम्र से ही एक्ट्रेस बनने का सपना देखने लगती है और कुछ लड़कियां अपनी मेहनत से इस सपने को भी पूरा भी कर लेती है. मगर आज हम आपको एक ऐसी लड़की से रूबरू करवाने जा रहे है, जो महज इक्कीस साल की उम्र में ही साधु बन गई. जी हां इस लड़की ने ऐसा क्यों किया, आखिर क्यों इस लड़की ने सब कुछ छोड़ कर ये रास्ता चुना ये सब जानने के लिए आपको इस की कहानी को विस्तार से पढ़ना होगा. अब जाहिर सी बात है कि जब तक व्यक्ति के जीवन में कोई बड़ा हादसा नहीं होता, तब तक व्यक्ति की जिंदगी ऐसा मोड़ नहीं लेती. बरहलाल इस लड़की के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है.

जी हां आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों इक्कीस साल की ये लड़की साधु बन गई. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस लड़की का नाम जया किशोरी है. इसके इलावा यह लड़की राजस्थान की रहने वाली है. वही अगर इसकी खूबसूरती की बात की जाएँ तो यह देखने में भी किसी मॉडल से कम नहीं लगती. मगर इसके बावजूद भी इसने सब कुछ पीछे छोड़ कर साधु बनना ही बेहतर समझा. गौरतलब है कि जया किशोरी का जन्म तरह जुलाई 1996 को राजस्थान के सुजानगढ़ शहर में हुआ था. इसके इलावा आपको जान कर ताज्जुब होगा कि जया किशोरी को बचपन से ही भगवान् में काफी आस्था थी.

जी हां उन्हें हमेशा ऐसा लगता था कि उनके आस पास कोई न कोई शक्ति जरूर है. अब उन्हें ऐसा क्यों लगता था, ये तो हम नहीं बता सकते, लेकिन जया की भगवान् में निस्वार्थ आस्था थी. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जया ने साधु बनने का फैसला एकदम से नहीं लिया, बल्कि साधु बनने से पहले उन्होंने अपने परिवार वालो और अपने रिश्तेदारों से इस बारे में सलाह भी ली थी और उनकी राय भी पूछी थी. वही जब जया के घर वालो को लगा कि वो भगवान् की इतनी बड़ी भक्त है, कि उसे रोकना न मुमकिन है. तो उन्होंने भी जया को ये नेक काम करने की अनुमति दे डाली. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो अपने परिवार वालो की अनुमति मिलने के बाद ही जया ने इतना बड़ा फैसला लिया था और वह इस फैसले पर आज भी अटल है.

गौरतलब है कि आज जया केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में भगवान् की आस्था बाँट रही है. यहाँ तक कि वह अपने जीवन से कुछ समय निकाल कर बीकॉम की पढ़ाई भी कर रही है. अब ये तो कही नहीं लिखा है कि एक साधु पढ़ाई नहीं कर सकती या अपने जीवन को कोई लक्ष्य नहीं दे सकती. वैसे भी एक बेहतरीन साधु बनने के लिए पढ़ाई भी जरुरी है. बता दे कि जया पढ़ाई में भी काफी तेज है. वही जब जया से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो पढ़ाई इसलिए कर रही है, क्यूकि ज्ञान की वास्तव में कोई सीमा नहीं होती. जी हां जया का कहना है कि पढ़ाई उम्र भर हमारे काम आती है और ऐसे में जीवन में पढ़ना बहुत जरुरी है.

बरहलाल हमें यकीन है कि जया किशोरी के जीवन की ये कहानी पढ़ कर आपको भी काफी सीख मिली होगी.

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