मुंबई: पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में विनाशकारी बाढ़ ला दी है, जिसमें तीन जिलों में बाढ़ आ गई है और दो जिले बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। राज्य में जुलाई में 40 साल में यह सबसे भारी बारिश है। बचाव और निकासी के लिए नौसेना को लगाया गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवानों की कई टीमों को भी कोंकण क्षेत्र में बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है। रत्नागिरी, रायगढ़, कोल्हापुर जिले जहां बाढ़ की चपेट में हैं, वहीं सांगली और अमरावती बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई से लगभग 250 किलोमीटर दूर और 70,000 से अधिक की आबादी वाले रत्नागिरी के तटीय शहर चिपलून का 50 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूब गया है।
रायगढ़ में भूस्खलन के बाद कई लोग लापता हैं, जिससे सड़कें भी अवरुद्ध हो गई हैं। मुंबई, पड़ोसी ठाणे और पालघर और कोंकण क्षेत्र के अन्य जिलों में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। मुंबई के गोवंडी इलाके में आज सुबह एक इमारत गिरने से सात लोगों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए।
क्षेत्र में भीषण बाढ़ के कारण मुंबई-गोवा राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां अगले कुछ दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आपात बैठक की और आपदा प्रबंधन इकाइयों और अन्य विभागों को सतर्क रहने और तुरंत बचाव अभियान शुरू करने को कहा है।