चेन्नर्इ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैंडलूम से बने उत्पादों की तुलना मां के प्यार से की है। चेन्नई के मद्रास विश्वविद्यालय के शताब्दी प्रेक्षागृह में प्रधानमंत्री ने पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की शुरुआत के मौके पर यह तुलना की। मोदी ने कहा कि हैंडलूम से बनी चीजों के प्रति वही भाव मन में आता है जो मां के प्रेम और स्नेह से खाना परोसने से आता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बुनकर के घर का 80 फीसदी हिस्सा हैंडलूम ले लेता है। बाकी के बचे हिस्से में पूरा परिवार रहता है। उन्होंने कहा कि एक साड़ी को बनकर तैयार होने में कम से कम पांच महीने लगते हैं। इस दौरान पूरा परिवार बनती हुई साड़ी को देखता रहता है। ऐसे जैसे कि वह घर की बच्ची हो। मोदी ने कहा कि तैयार होने के बाद साड़ी को बाजार ले जाया जाता है,उसी तरह जैसे कि किसी लड़की के लिए कोई योग्य वर देखा जा रहा हो। और, इसीलिए एक बुनकर का परिवार कई साल के बाद भी उस साड़ी को पहचान लेता है।