मानव तस्करी की शिकार बच्चियों के लिए आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे
प्रदेश में मानव तस्करों से छुड़ाई गई बच्चियों को पढ़ने के लिए आवासीय ठिकाना मिलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 24 आवासीय विद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया है। इनमें से हरेक आवासीय विद्यालय में ऐसी एक सौ बच्चियों का नामांकन होगा।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से प्रस्तावित ये विद्यालय झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत संचालित होंगे। इनमें मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाई गई बच्चियों की पढ़ाई तथा रहने और खाने का खर्च मुफ्त होगा। हर विद्यालय की स्थापना पर लगभग 60 लाख रुपए खर्च होंगे। राज्य सरकार की ओर से केंद्र को भी इन विद्यालयों की स्थापना और संचालन में होने वाले खर्च में भागीदार बनने का प्रस्ताव दिया जाएगा। केंद्र सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत इनमें 60 फीसदी भागीदारी कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद प्रस्ताव का कार्यान्वयन शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के उपायों पर विचार किया जा रहा है। जल्दी ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंच कर अंतिम फैसला किया जाएगा।
100 लड़कियों का नामांकन होगा हरेक स्कूल में
60 लाख रुपए खर्च होंगे एक स्कूल की स्थापना पर
-स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तैयार किया है प्रस्ताव
-बच्चियों को पढ़ाई और भोजन आदि नि:शुल्क मिलेगा
-हरेक जिले में कम से कम एक ऐसा स्कूल बनाया जाएगा
-केंद्र सरकार लागत का 60 फीसदी हिस्सा दे सकती है
क्यों जरूरी हैं ये विद्यालय
प्रदेश में हर साल लगभग दो हजार बच्चियां विभिन्न एजेंसियों या एनजीओ के माध्यम से ट्रैर्फिंकग से छुड़ाई जाती हैं। लेकिन इन बच्चियों की आगे की पढ़ाई या रोजगार का कोई इंतजाम नहीं होने के कारण वे फिर से ट्रैर्फिंकग का शिकार हो जाती हैं या असुरक्षित पलायन कर जाती हैं। ऐसे विद्यालय के माध्यम से बच्चियों को सही-गलत समझने की शिक्षा भी मिलेगी और जीवन यापन का कौशल भी सिखाया जाएगा।