मानसून सत्र में गतिरोध के लिए सरकार ने जिम्मेदारी से काम नहीं किया: मायावती
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने संसद के मानसून सत्र में गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदारठहराया और कहा कि उसकी कमियों की वजह से संसद का समय बरबाद हुआ। मायावती ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि संसद चलाने की जवाबदेही सरकार की होती है। उसे सोचना होता है कि संसद किस तरह से चले। इसके लिए उसे विपक्षी दलों को विश्वास में लेकर काम करने की जरूरत होती है लेकिन मोदी सरकार ने इस तरह का कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की विपक्ष की मांग पहले मान ली गई होती तो संसद का समय बच सकता था। उनका कहना था कि विपक्ष की इस मांग पर आखिरी समय में चर्चा कराये जाने का संसद को कोई फायदा नहीं मिला। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों की राष्ट्रपति भवन तक लोकतंत्र को बचाने की मांग लोकर मार्च करने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार है और लोकतंत्र को बचाने और संसद को चलाने की उनकी जिम्मेदारी है। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर बसपा के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विधेयक सदन में पेश हो चुका है लेकिन इस पर चर्चा शुरू तो हो। चर्चा शुरू होगी तो इस पर हम अपना रुख स्पष्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर आज चर्चा होने की संभावना कम ही है।