मानसूनी बारिश से 90 फीसदी तक भरे जलस्रोत, फसलों को होगा लाभ
इस बार पिछले 50 सालों के औसत से करीब 10 फीसदी ज्यादा हो चुकी मानसूनी बारिश से एकतरफ बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी तरफ जलस्रोतों के लगभग लबालब होने की स्थिति में पहुंच जाने के तौर पर इसका एक लाभ भी दिखाई दिया है। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार तय समय से करीब एक महीना ज्यादा चल चुके मानसूनी सीजन के कारण 27 सितंबर तक ही देश के जलस्रोतों में करीब 89 फीसदी तक पानी भर गया था। पिछले साल जलस्रोतों में 74 फीसदी पानी ही भर पाया था, जबकि पिछले 10 साल में जलस्रोतों में पानी भरने का औसत 72 फीसदी ही रहा है।
महज तीन महीने पहले तक देश के कई हिस्सों में जलस्रोतों के पूरी तरह सूखने के कारण पानी की राशनिंग की नौबत दिखाई देने के बाद उनमें भारी मात्रा में जल का एकत्र होना बड़ी बात मानी जा रही है। बारिश से भूजल में भी भारी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है।
दूसरी तरफ, विशेषज्ञों ने इस बारिश के चलते रबी की फसल का बेहतरीन उत्पादन होने की संभावना जताई है। खासतौर पर चावल, गन्ना, गेहूं और चने की फसल में बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि भारी बारिश के कारण किसानों को खरीफ सीजन की कपास, सोयाबीन और दलहनी फसलों में नुकसान भी उठाना पड़ा है।