मान्यता: इस मजार पर सिगरेट चढ़ाने से मिल जाता है खोया प्यार
लखनऊ के मूसाबाग में एक ऐसी मजार है जहां लोग सिगरेट चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं। ये बड़ी तादात में प्रेमी-प्रेमिका सिगरेट चढ़ाने आते हैं।भारत के लोग किसी विदेशी को पूजते हैं वो भी ब्रिटिश काल के, सुनने या देखने में ये अजीब जरूर लग सकता है कि लेकिन लखनऊ में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग एक अंग्रेज कैप्टन के सामने श्रद्धा से सिर झुकाए देखे जा सकते हैं।बात हो रही है लखनऊ के सिगरेट वाले बाबा की। लोग इन्हें कप्तान शाह बाबा और गोरा बाबा भी कहते हैं। मान्यता है उन्हें सिगरेट चढ़ाने से सबकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।लखनऊ के मूसाबाग में स्थित क्रिश्चियन सिपाही फ्रेड्रिक वेल की मजार पर दूर-दूर से लोग सिगरेट चढ़ाने आते हैं। यहां आने वाले लोगों में ज्यादातर प्रेमी-प्रेमिका होते हैं जो बाबा से अपने प्यार को पाने के लिए प्रार्थना करते हैं।आसपास के लोगों का कहना है कि अंग्रेज कप्तान शाह सिगरेट के बहुत शौकीन थे। कुछ लोगों का कहना है कि मजार पर जलती हुई सिगरेट चढ़ाने पर ऐसे धधकती है जैसे उसे कोई पी रहा हो।कुछ श्रद्धालु मजार पर फूल, अगरबत्ती और खाना भी चढ़ाते हैं लेकिन दूर से बाबा की मजार पर आने वाले लोग सिगरेट जरूर चढ़ाते हैं।गुरुवार, क्रिसमस और नए साल के पहले दिन कप्तान शाह बाबा की मजार पर काफी भीड़ लगती है।कई लोग इस मजार पर शादी के बाद जोड़े के साथ दर्शन करने और आशीर्वाद लेने आते हैं। आगे जानें, कौन हैं कैप्टन वेल्स…जानकारी के मुताबिक कैप्टन वेल्स ब्रिटिश सेना मे कैप्टेन थे। 21 मार्च 1858 को मूसाबाग में अंग्रेज़ सैनिकों और अवध के स्वंत्रता सेनानियों के बीच युद्ध हुआ। अंग्रेज़ों का नेतृत्व कैप्टन वेल्स और अवध सेनानियों का नेतृत्व मौलवी अहमद उल्लाह शाह कर रहे थे। वैसे तो यह लड़ाई ब्रिटिश सेना ने जीती थी पर इस लड़ाई मे कैप्टेन वेल्स मारे गये थे।