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मार्केट में गिरावट, निवेशकों को लगी 5 लाख करोड़ रुपये की चपत

शेयरों पर लगाए गए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को शेयर मार्केट फिलहाल पचा नहीं पाया। यही कारण है कि आम बजट के अगले दिन यानी शुक्रवार को शेयरों में बिकवाली में ऐसी हवा चली कि शेयर औंधे मुंह गिर पड़े। निवेशकों के एक झटके में करीब 5 लाख करोड़ रुपये चले गए। बीएसई का सेंसेक्स और निफ्टी 2.25 फीसदी से ज्यादा गिरकर बंद हुए। हीलियस कैपिटल के समीर अरोड़ा का कहना है कि सरकार का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लाना सही नहीं है। सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए। इससे विदेशी निवेशकों को सेंटीमेंट प्रभावित होगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को पचाना शेयर मार्केट के लिए आसान नहीं है। इससे आने वाले में समय गिरावट और गहरा सकती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की अवधि 3 साल करना गलत है।मार्केट में गिरावट, निवेशकों को लगी 5 लाख करोड़ रुपये की चपत

840 अंक की गिरावट 
शुक्रवार को शेयरों में गिरावट कितनी तेज थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में 840 अंक की गिरावट आई। कारोबार के अंत में यह 35,067 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 256.3 अंक यानी 2.3 फीसदी गिरकर 10,760.6 के स्तर पर आ गया। शेयर मार्केट में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी मारकाट मची। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 4 फीसदी गिरकर 16,575 अंक पर आ गया। निफ्टी का मिडकैप 100 इंडेक्स 4.3 फीसदी लुढ़ककर 19,760.4 के स्तर पर बंद हुआ। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 4.7 फीसदी की कमजोरी के साथ 17,850 के नीचे बंद हुआ। निफ्टी का स्मॉलकैप इंडेक्स 6 फीसदी टूटकर 8,251 अंक तक गिर गया। कारोबार के दौरान आईटी सेक्टर को छोड़ सभी सेक्टर के इंडेक्स में जोरदार गिरावट देखी गई। जहां तक दिग्गज शेयरों की बात है तो बीएचईएल, बजाज फाइनेंस, टाटा पावर, बजाज ऑटो, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक और मारुति सुजुकी के शेयर 4 से 7 फीसदी तक लुढ़ककर बंद हुए। बिकवाली के दबाव में निफ्टी 50 में शामिल 45 स्टॉक्स गिरकर बंद हुए, जबकि सिर्फ 5 स्टॉक्स में बढ़त दर्ज की गई। 
निवेशक रहें सतर्क 
मार्केट एक्सपर्ट दीपन मेहता का कहना है कि मौजूदा माहौल में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। इस वक्त काफी नेगेटिव बातें सामने आ रही हैं। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से भी शेयर मार्केट पर दबाव बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटे में बढ़ोतरी होने की खबर से शेयर मार्केट परेशान है। गौरतलब है कि बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.5 फीसदी रहने की बात कही है, जबकि लक्ष्य 3.2 फीसदी रखा गया था। 

करेक्शन के माहौल में निवेश के मौके 
मैराथन ट्रेडर्स के सीईओ अतुल सूरी का कहना है कि भारतीय शेयर मार्केट में इस वक्त करेक्शन का माहौल शुरू हो गया है। वास्तव में करेक्शन पहले से ही चल रहा है जो हमें इंडेक्स नहीं दिखा रहा था, लेकिन ये करेक्शन हमें बाजार में निवेश के काफी अच्छे मौके भी दे रहा है। कुछ शेयर निश्चित रूप से वास्तविक मूल्य से काफी ऊपर चले गए थे, अब उनमें प्राइस करेक्शन हो रहा है। करेक्शन का दौर कुछ समय तक चल सकता है। 

नॉक वेंचर्स के एमडी एंड सीआईआे विजय चोपड़ा के अनुसार, मौजूदा स्तर से बाजार में ओर गिरावट की संभावनाएं है, लेकिन इससे निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को पचाने में मार्केट को थोड़ा वक्त तो लगेगा ही। 

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