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मुंबई भगदड़ से पल्ला झाड़ने की कोशिश में रेलवे पुलिस, फीते से नाप रहे है कार्यक्षेत्र

मुंबई में परेल और एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन के बीच बने फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ से 22 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए. भगदड़ के बाद पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है. दरअसल हादसे के बाद एलफिंस्टन स्टेशन पर पुलिसकर्मी स्थिति को काबू में करने के बजाय इस बात का जायजा ले रही है कि यह केस किस पुलिस के क्षेत्राधिकार में आता है.

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हादसे के बाद रेलवे पुलिस का कहना है कि हादसा शहर पुलिस के क्षेत्राधिकार में हुआ है, जबकि शहर पुलिस ने कहा है कि हादसा रेलवे पुलिस के क्षेत्राधिकार में है. पुलिस मामले की जांच को एक दूसरे को पास कर रही है. वहीं घटना स्थल पर स्थिति को काबू में करने के बजाय पुलिस पुल का मेजरमेंट ले रही है, ताकि पता चल सके कि यह मामला किसके अधिकार क्षेत्र का है.

सूत्रों का कहना है कि हादसे को लेकर शीर्ष अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक की है. उसके बाद यह फैसला लिया जाएगा कि मामला रेलवे पुलिस के क्षेत्राधिकार का है या इसकी जांच शहर पुलिस करेगी. वहीं दोनों पुलिस के अधिकारी केईएम अस्पताल में मौजूद हैं और एडीआर रजिस्टर कर रहे हैं.

वहीं इस हादसे को लेकर एक बड़ा खुलासा भी हुआ है. दरअसल शिवसेना की ओर से दो सांसदों ने 2015-16 में इसी ब्रिज को चौड़ा करने के लिए चिट्ठी लिखी थी, जिसके जवाब में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा था कि रेलवे के पास इसके लिए फंड नहीं है. उन्होंने कहा था कि ग्लोबल मार्केट में मंदी है, आपकी शिकायत तो सही है लेकिन अभी फंड की कमी है.

कैसे हुआ हादसा

बताया जा रहा है कि बारिश के कारण ओवर ब्रिज पर फिसलन थी, रेलिंग का हिस्सा टूटने से हादसा हुआ. यह पुल 106 साल पुराना था. रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर जरूरत आती है ऐसे ब्रिज को और भी चौड़ा किया जाएगा.

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