फेंटानाइल एक ऐसा ड्रग है जिसका अमूमन इस्तेमाल एनेस्थीसिया के तौर पर दर्द से राहत दिलाने के लिए होता है। इसका उपयोग नशे के लिए भी होता है। यह ड्रग नारकोटिक ड्रग्स एवं साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है। एक अधिकारी ने बताया ने बताया कि इस ड्रग के एक किलो की कीमत अतंरराष्ट्रीय बाजार में 10 करोड़ रुपये है।
फेंटानाइल का इस्तेमाल खासतौर से कैंसर का इलाज करने के लिए होता है लेकिन इसे गैरकानूनी तरीकों से लैब में रिक्रिएशनल ड्रग की बिक्री के लिए बनाया जाता है। इसे कोकिन और हेरोइन के साथ मिलाया जाता है या फिर इनके विकल्प के तौर पर उपयोग किया जाता है। अमेरिका में इस नशे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। हर साल वहां फेंटानाइल के ओवरडोज के कारण हजारों लोगों की मौत होती है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘अपने गुप्तचर की सूचना की सत्यता की पुष्टि के बाद हमने सुभाषनगर में जाल बिछाया। जहां से सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।’ पकड़े गए आरोपियों मे से डोला को पहले भी राजस्व खुफिया निदेशालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग से संबंधित मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इस मामले में वह वर्तमान में ट्रायल का सामना कर रहा है।
डोला का मुंबई की एक अदालत ने 79 किलो चरस जब्ती के मामले में 2016 में बरी कर दिया था। सभी आरोपियों को बुधवार को अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उन्हें 1 जनवरी तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। हालांकि अपने बचाव में उनका कहना है कि जो पदार्थ उनके पास से जब्त किया गया है वह फेंटानाइल नहीं है और उनके पास इसकी खरीद के वैध कागज हैं।