नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज वर्ष 2013 विधानसभा चुनावों मेंं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चुनाव अवैध घोषित करने के लिए दायर एक याचिका में बिना हस्ताक्षर वाला हलफनामा दायर करने के मामले में भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता का जवाब तलब किया। गुप्ता ने केजरीवाल का चुनाव अवैध घोषित करने की मांग करते हुए दावा किया था कि उन्हांने 14 लाख रुपए की चुनाव खर्च सीमा से अधिक खर्च किया।न्यायमूर्ति विपिन सांघी की पीठ ने चुनाव याचिका रद्द करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवेदन पर दिल्ली विधानसभा मंे विपक्ष के नेता गुप्ता को नोटिस जारी किया। पीठ ने उस आेथ कमिशनर को भी नोटिस जारी किया जिन्होंने हलफनामे पर स्टांप लगाया था। आेथ कमिशनर को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश देते हुए अदालत ने सुनवाई 12 अक्तूबर के लिए स्थगित कर दी। केजरीवाल की आेर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फूलका ने कहा, ‘‘गुप्ता ने कानून की नजर मेंं बिना हस्ताक्षर वाला हलफनामा दायरा किया और इस हलफनामे को शपथ आयुक्त के सामने सत्यापित और बयान से पहले हस्ताक्षर की जरूरत थी।’’उन्हांेने कहा कि एेसा लगता है कि याचिकाकर्ता बयान के लिए शपथ आयुक्त के सामने पेश नहीं हुआ। इस खाली हलफनामे को सत्यापित करने वाले शपथ आयुक्त का स्टांप पूरी तरह से अवैध और गैरकानूनी है। केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा कि संयुक्त रजिस्ट्रार की एक अदालत द्वारा गुप्ता से जिरह के दौरान बिना हस्ताक्षर वाले हलफनामे का पता चला और उन्हांने अपने आदेश मेंं कहा कि कानून की नजरों मेंं यह हलफनामा नहीं है क्यांेकि इसमे हस्ताक्षर नहीं है और इसलिए याचिका किसी हलफनामे के बगैर है।