मुजफ्फरनगर दंगे के लिए सपा सरकार को याद किया जाएगा
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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी को मुजफ्फरनगर दंगे समेत प्रदेश में हुए लगभग 400 साम्प्रदायिक दंगों के लिए याद किया जाएगा। इसलिए केवल सांकेतिक तौर पर अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने से मुस्लिमों का भला नहीं होगा।
बसपा प्रमुख के मुताबिक, सपा सरकार को भाजपा से शिकंजे से निकल कर मुस्लिम समाज के हित व कल्याण के लिए ठोस व बुनियादी कदम उठाने होंगे। एक बायान जारी कर उन्होंने कहा कि सपा सरकार के पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में मुज़फ्फरनगर के भीषण दंगे समेत 400 से अधिक साम्प्रदायिक दंगे हुए। इसके चलते सपा सरकार को उसी तरह से याद किया जाएगा। जिस तरह 1992 के अयोध्या विध्वंस के लिए भाजपा, मुरादाबाद- हाशिमपुरा-मलियाना, भागलपुर, भिवण्डी आदि भीषण साम्प्रदायिक दंगों के लिए कांग्रेस पार्टी को याद किया जाता है।
उन्होंने सपा सरकार को घेरते हुए कहा कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा काण्ड के पीड़ितों को समुचित राहत देने के साथ-साथ दंगों में मार गए लोगों के परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने का वायदा अब तक क्यों नहीं निभाया गया?वहीं दंगों के आरोपियों के प्रति सपा सरकार मेहरबान है। उन्होंने कहा कि बसपा के चारों शासनकाल में यूपी दंगामुक्त रहा। सभी समाज के लोगों के जान-माल व मज़हब व उनके धार्मिक स्थल सुरक्षित रहे हैं।
सुश्री मायावती ने आरोप लगाया कि जब भी सपा सत्ता में रहती है तो भाजपा मज़बूत हो जाती है। सपा और भाजपा एक-दूसरे की पूरक पार्टियां हैं और यूपी में अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए एक-दूसरे को मजबूत करने का काम करती रहती हैं। जबकि बसपा सत्ता में आती है तो भाजपा कमजोर होती है। यानी बसपा के खिलाफ ये दोनों पार्टियां मिल जाती हैं। सुश्री मायावती ने कहा कि सपा के सत्ता में रहते हुये ही 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यहां अभूतपूर्व सफलता मिली व वे केन्द्र की सत्ता में पहली बार पूरे बहुमत से आई। इसका अहसान उतारने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी यूपी में सपा के अराजक जंगलराज की अनदेखी करते रहे।