मुजफ्फरनगर में नकाबपोश कातिलों की तलाश में जुटी एसटीएफ
लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। दंगे के बाद वहां हुई कई छिटपुट घटनाओं से दोनों समुदायों के बीच बढ़ती वैमनस्यता ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी है। एडीजी कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल मौके पर कैम्प कर रहे हैं पर हालात में सुधार होता नहीं दिख रहा है। नकाबपोश कातिलों की तलाश में एसटीएफ को लगाया गया है। वहीं भाजपा विधायकों संगीत सोम व सुरेश राणा पर रासुका हटाने के बाद पुलिस कार्रवाई पर भी प्रश्न चिह्न लगने लगा है। आईजी कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि मुजफ्फरनगर में खेतों में छिपकर निर्दोष लोगों को निशाना बनाने वाले नकाबपोश हमलावरों की तलाश तेजी से चल रही है। इसके लिए खासतौर पर एसटीएफ को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की पहली प्राथमिकता दोनों समुदायों के लोगों के बीच विश्वास बहाली करना है। भाजपा विधायकों पर रासुका हटाये जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस को उनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत मिले थे। उन्होंने विवादित वीडियो को फेसबुक पर डाला था जिसे 230 लोगों ने शेयर किया। परन्तु एडवाइजरी बोर्ड ने रासुका हटाने का फैसला लिया है जिसका पालन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि एडीजी मुकुल गोयल वहां कैम्प कर रहे हैं। वह शांति कमेटियों के माध्यम से लोगों के बीच की दूरियां कम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि पुलिस किसी तरह की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई नहीं कर रही है।