अपराधराज्य

मुजफ्फरपुर कांड: सरकारी फंड पाने के लिए चलाता था सेक्स रैकेट, रेड लाइट इलाके में भी बनाई थी पहुंच

नई दिल्ली : मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले में एक के बाद एक खुलासे सामने आ रहे है| जो पूरे देश को हैरान करके रख दिया है। मुजफ्फरपुर पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुजफ्फरपुर कांड में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर सेक्स रैकेट चलाता था, और उसके तार नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक जुड़े हुए थे। वह इसका इस्तेमाल सरकारी फंड और ऑर्डर पाने के लिए करता था। यह रिपोर्ट सीबीआई पिछले हफ्ते केस केन्द्रीय अन्वेषण ब्योर (सीबीआई) को सौंपे जाने से पहले तैयार की गई थी।

रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ठाकुर के तार गैर सरकारी संस्थाओं से जुड़े हुए थे| वहीं उसके रिश्तेदार और अन्य जानने वाले उसमें महत्वपूर्ण स्थान पर थे। उसने सरकारी अधिकारियों और बैंकरों के साथ मिलकर काफी पैसे अवैध तरीके से कमाए। रिपोर्ट के मुताबिक उसने अपने रूतबे का पूरा इस्तेमाल किया, इसके बावजूद ब्रजेश ठाकुर को सरकारी अधिकारियों की सिफारिश पर समस्तीपुर स्थित सहारा ओल्ड एज होम चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी| वहीं रिपोर्ट में आगे कहा गया, बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (बीआईएसएसीएस) ने ठाकुर के एक एनजीओ से यह कहा कि वे योजनाओ को बिना प्रक्रिया का पालन किए चलाए| जिनमें विज्ञापन भी शामिल है। ऐसा संदेह है कि ठाकुर इन योजनाओं को पाने के लिए (बीआईएसएसीएस) के भ्रष्ट अधिकारियों को लड़कियों की सप्लाई करता था। रिपोर्ट में मधु कुमार पर भी सवाल खड़े किए है, जो इस केस में फरार चल रही है। मधु, ब्रजेश ठाकुर की मुख्य वर्कर थी। इससे पहले वह देह व्यापार में शामिल थी। ठाकुर ने उसका इस्तेमाल कर मुजफ्फरपुर के चतुर्भुज स्थान के रेड लाइट इलाके में अपनी पहुंच बनाई और उसे अपने ऑर्गेनाइजेशन वामा शक्ति वाहिनी का कागज पर अहम स्थान दिया।

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