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मुलायम के खिलाफ हिंदुओं को उकसा रहे इंद्रेश,

800x480_IMAGE57377764लखनऊ। अपने कारनामों और बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के अध्यक्ष सियासत के रूख को बखूबी समझते हैं। साथ ही ये भी जानते हैं कि किस दांव से वे कितना हिट होंगे और कितना फ्लॉप। फलस्वरूप उन्होंने हिट होने की खातिर बसपा सुप्रीमो मायावती की मूर्ति तोड़ दी, फिर जेएनयू मामले में कन्हैया कुमार की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा।

और जानी की जेल भी जाना पड़ा।

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लेकिन मुजफ्फरनगर की सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में गौरव स्वरूप को समाजवादी पार्टी द्वारा दी गई तवज्जो के बाद जानी ने सपा की मुखालिफत शुरू कर दी थी। लेकिन सूबे में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्होंने मुलायम सिंह को साधना शुरू कर दिया है। साथ ही आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार पर हिंदुओं को मुलायम के खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया है।

डीजीपी को लिखा पत्र

बीते दिनों अयोध्या मामले पर सपा सुप्रीमो मुलायम के बयान पर पलटवार करते हुए आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा था कि अगर मुलायम जिंदा रहे तो वह और भी हत्याएं करा सकते हैं। जिसे लपकते हुए अमित जानी ने इंद्रेश कुमार के खिलाफ डीजीपी को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करने की मांग की है।

लोकतांत्रिक अधिकार की श्रेणी में नहीं

जानी ने पत्र में लिखा है कि लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस के प्रचारक इन्द्रेश कुमार द्वारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव जी के विषय में अभद्र, अमर्यादित, अशोभनीय एवं आपत्तिजनक टिप्पणी की गयी है। इंद्रेश कुमार द्वारा भाषा की सीमा लांघते हुए सपा सुप्रीमो को खूंखार अपराधी एवं हत्यारा कहा गया है। यह बयान प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल वेब साइट पर भी उपलब्ध है।

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सपा मुखिया पर हमला करने के उद्देश्य से दिया गया बयान

नव निर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने पुलिस महानिदेशक को पत्र में यह भी लिखा कि यह बयान उत्तर प्रदेश मे होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव में सियासी फायदे के लिए उत्तर प्रदेश के माहौल और सदभाव को बिगाड़ने के लिए दिया गया है, 225 विधायको वाली सत्तारूढ़ पार्टी के मुखिया को हत्यारा और दुर्दांत अपराधी कहकर लाखों समाजवादियों को उकसाने की साजिश की गयी है।

बहरहाल इंद्रेश कुमार की मंशा क्या थी और क्या नहीं ये तो वे खुद ही बता सकते हैं। हां इतना जरूर है कि अमित जानी की मंशा साफ है…..वे फिर से सपा में वापसी करने की रणनीति बना रहे हैं। वहीं इन सबके इतर सपा के लिए अमित जानी कतई घाटे का सौदा नहीं नजर आ रहे क्योंकि मुजफ्फरनगर में जानी का खासा प्रभाव माना जाता है।

 

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