नई दिल्ली: साल 2001 से 2011 के बीच के दशक में मुस्लिम समुदाय की आबादी में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और उनकी जनसंख्या 17.22 करोड़ हो गई वहीं हिंदुओं की आबादी इसी अवधि में 16.8 प्रतिशत बढ़कर 96.63 करोड़ हो गई। 2001 से 2011 के दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर 17.7 प्रतिशत थी। धर्म आधारित जनगणना के आंकड़ों के अनुसार उक्त अवधि में विभिन्न धर्मों की जनसंख्या की वृद्धि दर कुछ इस प्रकार है।हिंदू- 16.8 प्रतिशत, मुस्लिम- 24.6 प्रतिशत, ईसाई-15.5 प्रतिशत, सिख- 8.4 प्रतिशत, बौद्ध- 6.1 प्रतिशत और जैन- 5.5 प्रतिशत। धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जनसंख्या के आंकड़े एकत्रित किए जाने के चार साल से अधिक समय बाद जारी किए गए हैं वहीं जाति आधारित जनगणना के आंकड़े अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। महापंजीयक और जनगणना आयुक्त द्वारा जारी 2011 के धार्मिक जनगणना डाटा के अनुसार देश में 2011 में कुल जनसंख्या 121.09 करोड़ थी। कुल जनसंख्या में हिंदू 96.63 करोड़ (79.8 प्रतिशत), मुस्लिम आबादी 17.22 करोड़ (14.2 प्रतिशत), ईसाई 2.78 करोड़ (2.3 प्रतिशत), सिख 2.08 करोड़ (1.7 प्रतिशत), बौद्ध 0.84 करोड़ (0.7 प्रतिशत), जैन 0.45 करोड़ (0.4 प्रतिशत) तथा अन्य धर्म और मत (ओआरपी) 0.79 करोड़ (0.7 प्रतिशत) है। आकड़ों के अनुसार 2011 में कुल जनसंख्या के अनुपात में मुस्लिम जनसंख्या में 0.8 प्रतिशत बिंदु (पी.पी.) की वृद्धि हुई है। 2011 में कुल जनसंख्या के अनुपात में हिंदू जनसंख्या में 0.7 पीपी की कमी आई। सिख समुदाय की आबादी में 0.2 प्रतिशत बिंदु (पी.पी.) की कमी आई और बौद्ध जनसंख्या 0.1 पी.पी. कम हुई। ईसाइयों और जैन समुदाय के जनसंख्या अनुपात में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ। साल 2001 के आंकड़ों के अनुसार भारत की कुल आबादी 102 करोड़ थी जिसमें हिंदुओं की आबादी 82.75 करोड़ (80.45 प्रतिशत) और मुस्लिम आबादी 13.8 करोड़ (13.4 प्रतिशत) थी।