– बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य पांच वर्षों में पूरा हो जाएगा। इसके निर्माण पर करीब तीन अरब रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
– रामायण मंदिर का रकवा करीब 190 एकड़ में है। इसमें डेढ़ एकड़ भूमि मुस्लिमों ने दान दी है।
– ये भू-दान केसरिया थाना के गोइछी कुंडवा गांव के अहमद खां व उनके परिजनों ने किया है। मंदिर के लिए करीब 190 एकड़ भूखंड की जरूरत है।
– मंदिर का निर्माण महावीर स्थान न्यास समिति, पटना द्वारा कराया जा रहा है। पहले मंदिर विश्व प्रसिद्ध कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की शैली में बनना था।
– लेकिन, वहां की सरकार के विरोध के बाद इसके नक्शा में परिवर्तन कर दिया गया। अब कोई अड़चन नहीं है।
85 एकड़ भूमि का निबंधन
– मंदिर निर्माण समिति के सदस्य मधुरेश प्रियदर्शी ने बताया कि मंदिर का निर्माण करीब 110 एकड़ में होगा।
– इस मंदिर के लिए अब तक 85 एकड़ भूमि का निबंधन कराया जा चुका है। भूमि के लिए लैंड बैंक बनाया गया है।
– कुछ लोग भूमि दान दिए हैं। जबकि कुछ लोगों ने भूमि का बदलैन (अदला-बदली) किए हैं। बदलैन की भूमि का निबंधन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
– मधुरेश कहते हैं कि मंदिर निर्माण का काम करीब तीन वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। लेकिन, कुछ अड़चन आई, जिसे दूर करने के दौरान निमार्ण कार्य रुक गया।
राजदूत ने लगाई थी रोक
– बताया जाता है कि कंबोडिया के राजदूत ने निर्माण स्थल का निरीक्षण कर नक्शा को देखा था।
– उन्होंने अंकोरवाट मंदिर को वहां के लोगों की आस्था का प्रतीक बताकर उसी तर्ज पर मंदिर बनाने पर रोक लगाने की रिपोर्ट अपनी सरकार को दी थी।
– इसके बाद उसके नक्शा में परिवर्तन कर दिया गया। अब अड़चनें दूर हो चुकी हैं। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
– वहीं विराट रामायण मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया कि जल्द ही समिति की बैठक होगी।
– मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का काम पूर्ण कर लिया गया है। मंदिर की लंबाई 2800 फीट, जबकि चौड़ाई 1500 फीट होगी।
– मुख्य मंदिर 1240 फीट लंबा व 1150 फीट चौड़ा व 405 (गुंबद की ऊंचाई सहित) फीट ऊंचा होगा। मंदिर में 18 देवता घर व 18 शिखर होंगे।
– मुख्य मंदिर भगवान श्रीराम का होगा। इसमें मां सीता, लव-कुश व वाल्मीकि सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित होगी।