मूर्तियों पर खर्च हुआ जनता का पैसा वापस लौटाएं मायावती : उच्चतम न्यायालय
लखनऊ : मूर्तियां लगाने के मामले में बसपा सुप्रीमो को उच्चतम न्यायालय से जोरदार झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बीएसपी प्रमुख को मूर्तियों पर खर्च हुआ जनता का पैसा लौटाने का आदेश दिया। बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने प्रदेश के कई शहरों में अपनी और हाथी की कई मूर्तियां लगाई थीं। 2009 में मायावती के कार्यकाल में बनाई जाने वाली मूर्तियों के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बीएसपी प्रमुख जनता का पैसा लौटाएं। सर्वोच्च अदालत का यह आदेश बीएसपी सुप्रीमो के लिए बड़े झटके के तौर पर देखी जा रही है। लगभग 10 साल पुरानी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा, प्रथम दृष्टया तो बीएसपी प्रमुख को मूर्तियों पर खर्च किया गया जनता का पैसा लौटाना होगा। उन्हें यह पैसा वापस लौटाना चाहिए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 अप्रैल की तारीख तय की जाती है। गौरतलब है कि मायावती ने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हाथी और अपनी कई मूर्तियां लगवाई थीं।
बीएसपी प्रमुख ने कई पार्क और स्मारक भी ऐसे बनवाए थे जिसमें उनकी और हाथी की मूर्तियां थीं। इनके साथ कांशीराम और बाबा साहेब आंबेडकर की भी कई मूर्तियां उनके कार्यकाल में लगाई गईं। उस वक्त उत्तर प्रदेश में मायावती के मूर्ति लगाने का विरोध समाजवादी पार्टी समेत अन्य दलों ने भी किया था। हालांकि, बदलते दौर में अब एसपी-बीएसपी की तल्खियां दूर हो गई हैं और दोनों पार्टियां गठबंधन में 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं।