दिल्लीराजनीति

मेरा ही नहीं केन्द्र सरकार का भी विवादों में हो रहा टाइम बर्बाद

kejriwal-56b6213a60066_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार रविवार को एक साल पूरे करेगी। सरकार ने कई फटाफट फैसले किए, लेकिन केन्द्र सरकार-उपराज्यपाल से त्रिकोणीय टकराव में फंस गए। भ्रष्टाचार से जंग को भ्रष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन नंबर शुरू किया तो भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में बिहार से पुलिस कर्मी लाए।

पर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ही हाथ से छिन गई। इसके अलावा एक साल में कई ऐसे मौके आए जब त्रिकोणीय टकराव में चिट्ठी-पत्री, प्रेस कांफ्रेंस और एक दूसरे को कोसने में टाइम बर्बाद हुआ। यह बात पिछले दिनों एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद मुख्यमंत्री ने भी स्वीकार किया।

दिल्ली सरकार ने जनलोकपाल बिल, शिक्षा सुधार के दो बिल, सिटीजन चार्टर समेत एक दर्जन बिल विधानसभा में पास किए लेकिन पुरानी परंपरा के अनुकूल पहले उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार से अनुमति नहीं ली, इस पर उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार के पास बिल अटक गए।

आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार रविवार को एक साल पूरे करेगी। सरकार ने कई फटाफट फैसले किए, लेकिन केन्द्र सरकार-उपराज्यपाल से त्रिकोणीय टकराव में फंस गए। भ्रष्टाचार से जंग को भ्रष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन नंबर शुरू किया तो भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में बिहार से पुलिस कर्मी लाए।

पर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ही हाथ से छिन गई। इसके अलावा एक साल में कई ऐसे मौके आए जब त्रिकोणीय टकराव में चिट्ठी-पत्री, प्रेस कांफ्रेंस और एक दूसरे को कोसने में टाइम बर्बाद हुआ। यह बात पिछले दिनों एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद मुख्यमंत्री ने भी स्वीकार किया।

दिल्ली सरकार ने जनलोकपाल बिल, शिक्षा सुधार के दो बिल, सिटीजन चार्टर समेत एक दर्जन बिल विधानसभा में पास किए लेकिन पुरानी परंपरा के अनुकूल पहले उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार से अनुमति नहीं ली, इस पर उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार के पास बिल अटक गए।

दानिक्स अधिकारियों के वेतन बढ़ाने, दास कैडर रि-स्ट्रक्चर, किसानों को जमीन अधिग्रहण पर ज्यादा मुआवजा का फैसला भी केंद्र सरकार से विवाद में फंस गया है।
विधानसभा के विशेष सत्र बुलाकर सीएनजी वाहन फिटनेस घोटाला, महिला सुरक्षा, डीडीसीए में अनियमितता की जांच के लिए जांच आयोग गठन की जिसे केंद्र सरकार ने गैरकानूनी घोषित कर दिया।

हालांकि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्र लिखकर उसे मानने से इनकार किया लेकिन नौकरशाह केन्द्र के आदेश से खुद को बंधा बता रहे हैं।

यही वजह है कि इन जांच आयोग को सरकारी एजेंसियों से सहयोग नहीं मिल रहा है। एमसीडी के खातों की जांच के लिए कमेटी गठित की लेकिन उन्होंने अधिकार का हवाला देकर खाता दिखाने से इनकार कर दिया।

नौकरशाही में नियुक्ति को लेकर शुरुआत में मुख्य सचिव, कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति से शुरू हुआ विवाद करीब-करीब पूरे साल चला। पहले आईएएस अधिकारियों के साथ विवाद हुआ तो फिर दिल्ली अंडमान निकोबार आईलैंड सिविल सर्विसेज (दानिक्स) के साथ निलंबन, परंपरा के विपरीत फैसलों को लेकर विवाद हुआ जिसमें ऑड-ईवन के लागू होने के ठीक एक दिन पहले आधे दिन आईएएस और पूरे दिन दानिक्स अधिकारी छुट्टी पर चले गए।

सत्ता के गलियारे में बैठे नेताजी अभी तक जनता से रूबरू होने के लिए बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करते थे, वहां आप सरकार बड़ा कार्यक्रम ना करके ऑन कॉल जनता से एक साल पूरे होने पर रूबरू होंगे।

एनडीएमसी कंवेंशन सेंटर में सभी मंत्री बैठेंगे जिसके लिए सरकार इंतजाम कर रही है। यहां सवालों के सिर्फ जवाब ही नहीं मिलेंगे, बल्कि भविष्य के लिए जो इनोवेटिव आईडिया (नए सुझाव) देता है तो सरकार उस पर काम भी करेगी। इसके अलावा 17 फरवरी को ई रिक्शा वालों के साथ रामलीला मैदान में संवाद करेगी।

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार ने दूसरी पारी में खुद आंदोलन में उतरने की बजाय सरकार की ताकत समझाने की कोशिश की। पुरानी परंपराओं को बदलने के लिए विधानसभा की विशेष बैठकें बुलाईं तो बदलाव के लिए प्राइवेट कंसल्टेंट उतारने की शुरुआत भी की।
दिल्ली डायलॉग कमीशन गठित करके उपाध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री जैसी सुख सुविधाएं दीं। गाड़ी-बंगला-सुरक्षा ना लेने का मन भी बदला।

दिल्ली सरकार में बड़ा बजट खर्च करने वाला परिवहन विभाग पूरे साल केंद्र में रहा। कांग्रेस सरकार के बीआरटी कॉरिडोर को तोड़ने की शुरुआत की, कार फ्री डे का आयोजन करने व बाद में सम-विषम लागू करके विदेशों तक आप सरकार की वाहवाही कराई।

ट्रैफिक कम हुआ तो प्रदूषण को लेकर नई बहस शुरू हुई। भविष्य की योजनाओं पर परिवहन मंत्री ने कहा है कि दिसंबर, 2016 तक दिल्ली में डीटीसी में एक हजार लो फ्लोर एसी बसें, एक हजार प्रीमियम बसें और एक हजार क्लस्टर बसें आएंगी।

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